नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट में 5 साल पहले कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और कोच अनिल कुंबले (Anil Kumble) के बीच बड़ा विवाद हुआ था और इसका अंत कुंबले के इस्तीफे से हुआ. ठीक वैसा ही कुछ, साल 2018 में महिला क्रिकेट टीम में भी हुआ था. तब सीनियर खिलाड़ी मिताली राज (Mithali Raj) और कोच रमेश पवार (Ramesh Powar) के बीच की खींचतान खुलकर सामने आई थी. इसका अंत भी कुछ-कुछ टीम इंडिया के कोच-कप्तान विवाद जैसा ही हुआ था. तब पवार को विवाद के कारण अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी. उस समय भारतीय क्रिकेट की कमान सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (COA) के हाथों में थी और उसके प्रमुख थे पूर्व CAG विनोद राय. उन्होंने अपनी किताब- ‘नॉट जस्ट ए नाइटवॉचमैन: माय इनिंग्स इन द बीसीसीआई’ में इस विवाद को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है.
पूर्व सीओए प्रमुख विनोद राय अपनी किताब में लिखते हैं कि 2018 में मिताली राज ने कोच रमेश पवार को लेकर सीओए से शिकायत की थी. किताब के मुताबिक, मिताली कोच के बर्ताव को लेकर नाराज थीं. उन्होंने तब कहा था कि मुझे टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में प्लेइंग-XI में जगह नहीं दी गई थी. मुझे यह बात इतनी नहीं चुभी थी, जितना कोच के बर्ताव ने आहत किया. हालांकि, इस किताब में उन्होंने तत्कालीन कोच पवार का पक्ष भी रखा है.
मिताली-पवार के बीच 2018 में हुआ था विवाद
विनोद राय ने अपनी किताब में लिखा है कि कोच पवार ने एक लंबी रिपोर्ट पेश की थी. इसके बड़े हिस्से में उन्होंने खुलकर इस बात का जिक्र किया था कि उन्हें मिताली राज को संभालने में परेशानी हो रही है. कोच ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि टीम मैनेजमेंट ने खराब स्ट्राइक रेट की वजह से मिताली राज को इंग्लैंड के खिलाफ 2018 में हुए टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल से बाहर रखने का फैसला किया था.
हरमनप्रीत और मिताली ने विवाद खत्म करने की पहल की
किताब में पूर्व सीओए ने यह लिखा है कि वेस्टइंडीज में हुए टी20 विश्व कप के खत्म होने के बाद इस विवाद को खत्म करने की कोशिशें शुरू हुई थी. इसके तहत 30 नवंबर, 2018 को बीसीसीआई के जीएम सबा करीम ने मुझे बताया कि T20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर, मिताली राज इस विवाद को खत्म करना चाहती हैं. इसके लिए एक दिन के नोटिस पर दिल्ली में एक मीटिंग फिक्स हुई. मुझसे इसमें शामिल होने के लिए कहा है. शुरुआती हिचकिचाहट के बाद मैं इस बैठक में शामिल होने के लिए तैयार हो गया. दोनों खिलाड़ी विवाद को खत्म करने के लिए कितने संजीदा थे, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस मीटिंग के लिए हरमनप्रीत कौर रविवार की सुबह खुद मोगा स्थित अपने घर से 6 घंटे कार ड्राइव करके दिल्ली पहुंचीं थी. वहीं, मिताली गुंटूर में एक मैच खेल रही थीं और अगली सुबह फ्लाइट लेकर दिल्ली पहुंचीं. हमारे बीच 3 घंटे बात हुई थी.
हरमनप्रीत, टी20 टीम के कप्तान के रूप में, स्पष्ट थीं कि सेमीफाइनल में पिछले मैच के विनिंग कॉम्बिनेशन के साथ उतारने का फैसला सामूहिक था. इस फैसले में कोच, सेलेक्टर शामिल थे. हालांकि, उन्हें यह मालूम नहीं था कि मिताली को कब सेमीफाइनल से ड्रॉप किए जाने की जानकारी दी गई थी. मिताली टीम से बाहर किए जाने से ज्यादा, जिस तरह से उन्हें यह जानकारी दी गई, उससे नाराज थीं. उन्होंने कहा था कि मुझे इस फैसले के बारे में अंधरे में रखा गया था. टॉस से ठीक पहले कोच ने मुझे बताया कि आप इस मैच में नहीं खेल रही हैं.
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क्या थी मिताली और कोच पवार के बीच विवाद की वजह?
मिताली राज कोच रमेश पवार के बीच साल 2018 में विवाद हुआ था. इसकी शुरुआत मिताली को 2018 के टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले से ड्रॉप करने से हुई थी. जबकि मिताली उस वक्त अच्छे फॉर्म में थी. तब सेमीफाइनल में भारत की टक्कर इंग्लैंड से हुई थी और भारतीय टीम यह मैच 8 विकेट से हार गई थी. इस बल्लेबाज ने बीसीसीआई को चिठ्ठी लिखकर पवार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मेरे करियर को खत्म करने और मुझे नीचा दिखाने के लिए ऐसा किया किया है.
तब कोच पवार ने इसके जवाब में कहा था, “मिताली काफी नखरे दिखाती हैं और टीम में विवाद पैदा करती हैं.” हालांकि, पिछले साल पवार को दोबारा भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच बना दिया गया.
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