Modi Govt 2 : मनी लॉन्ड्रिंग और फेमा मामलों में पिछले वर्ष 500 फीसदी की बढ़ोतरी, एक दशक में सबसे ज्यादा मामले


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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशभर में पिछले वित्त वर्ष के दौरान जबरदस्त सक्रियता दिखाई। इस दौरान केंद्रीय एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के एक दशक में सर्वाधिक मामले दर्ज किए। यह जानकारी सोमवार को खुद सरकार ने संसद में दी। एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया, ईडी ने वर्ष 2021-22 में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के 5,313 तो प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के 1,180 मामले दर्ज किए। 

उन्होंने कहा, 2012-13 से पिछले वित्त वर्ष तक फेमा के तहत कुल 24,893 और मनी लॉन्ड्रिंग की 3,985 आपराधिक शिकायतें दायर हुईं। मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की तादाद दस वर्षों में पहली बार एक हजार के पार हो गई। आंकड़ों में गौर करने वाली बात यह है कि दोनों कानूनों के तहत 2019 में दोबारा सत्ता में आई मोदी सरकार में ईडी की ज्यादा धरपकड़ देखने को मिली है।

मंत्री के मुताबिक, 31 मार्च 2022 तक प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के तहत जांच के लिए लगभग 5,422 दर्ज किए, जिनमें कुल 1,04,702 करोड़ की आपराधिक आय जब्त हुई। पीएमएलए के तहत 992 मामलों में चार्जशीट दायर हुईं। परिणामस्वरूप 869.31 करोड़ की जब्ती और 23 को दोषी करार दिया गया। वहीं, फेमा के 31 मार्च तक 30,716 मामलों में 8,109 को नोटिस भेजा। 6,472 नोटिसों पर निर्णय हुआ, जिसके चलते कुल 8,130 करोड़ का जुर्माना लगा। साथ ही 7,080 करोड़ की परिसंपत्तियां जब्त की गईं।

जीडीपी का 61.2%सकल देनदारियां
केंद्रीय मंत्री ने बताया, राज्यों और केंद्र सरकार की सकल देनदारियां 2014-15 में 76.27 लाख करोड़ रुपये थी और वह जीडीपी का 61.2 फीसदी था। वहीं, 2021-22 में यह राशि 195-49 लाख करोड़ हो गई, जो जीडीपी का 82.6 फीसदी है।

जीडीपी का 3.1% ब्याज चुकाया
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में 7.31 लाख करोड़ ब्याज के रूप में चुकाए हैं। यह जीडीपी का 3.1 फीसदी है। वहीं, कुल देनदारियां 138.88 लाख करोड़ पहुंच गई हैं, जो जीडीपी का 58.7 फीसदी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया, सार्वजनिक कर्ज पर ब्याज के मद में सरकार ने 2014-15 में 3.27 लाख करोड़ रुपये चुकाए थे, जो तब जीडीपी का 2.6 फीसदी था।

उस वित्त वर्ष में सरकार की कुल देनदारियां 62.44 लाख करोड़ रुपये थी जो कि जीडीपी का 50.1 फीसदी था। वित्त राज्य मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में बताया कि सरकार का कुल कर्ज वर्तमान वित्त वर्ष में 155.33 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है जो कि जीडीपी का 60.2 फीसदी होगा।

सहारा की कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी की चल रही जांच
केंद्रीय मंत्री इंदरजीत सिंह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सहारा समूह की तीन कंपनियों के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) के अधिकारी जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसएफआईओ ने अभी सरकार को कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है। सिंह ने लिखित जवाब में कहा कि इन कंपनियों में धोखाधड़ी के आरोपियों के खिलाफ एसएफआईओ ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है।

विस्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशभर में पिछले वित्त वर्ष के दौरान जबरदस्त सक्रियता दिखाई। इस दौरान केंद्रीय एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के एक दशक में सर्वाधिक मामले दर्ज किए। यह जानकारी सोमवार को खुद सरकार ने संसद में दी। एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया, ईडी ने वर्ष 2021-22 में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के 5,313 तो प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के 1,180 मामले दर्ज किए। 

उन्होंने कहा, 2012-13 से पिछले वित्त वर्ष तक फेमा के तहत कुल 24,893 और मनी लॉन्ड्रिंग की 3,985 आपराधिक शिकायतें दायर हुईं। मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की तादाद दस वर्षों में पहली बार एक हजार के पार हो गई। आंकड़ों में गौर करने वाली बात यह है कि दोनों कानूनों के तहत 2019 में दोबारा सत्ता में आई मोदी सरकार में ईडी की ज्यादा धरपकड़ देखने को मिली है।

मंत्री के मुताबिक, 31 मार्च 2022 तक प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के तहत जांच के लिए लगभग 5,422 दर्ज किए, जिनमें कुल 1,04,702 करोड़ की आपराधिक आय जब्त हुई। पीएमएलए के तहत 992 मामलों में चार्जशीट दायर हुईं। परिणामस्वरूप 869.31 करोड़ की जब्ती और 23 को दोषी करार दिया गया। वहीं, फेमा के 31 मार्च तक 30,716 मामलों में 8,109 को नोटिस भेजा। 6,472 नोटिसों पर निर्णय हुआ, जिसके चलते कुल 8,130 करोड़ का जुर्माना लगा। साथ ही 7,080 करोड़ की परिसंपत्तियां जब्त की गईं।

जीडीपी का 61.2%सकल देनदारियां

केंद्रीय मंत्री ने बताया, राज्यों और केंद्र सरकार की सकल देनदारियां 2014-15 में 76.27 लाख करोड़ रुपये थी और वह जीडीपी का 61.2 फीसदी था। वहीं, 2021-22 में यह राशि 195-49 लाख करोड़ हो गई, जो जीडीपी का 82.6 फीसदी है।

जीडीपी का 3.1% ब्याज चुकाया

वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 में 7.31 लाख करोड़ ब्याज के रूप में चुकाए हैं। यह जीडीपी का 3.1 फीसदी है। वहीं, कुल देनदारियां 138.88 लाख करोड़ पहुंच गई हैं, जो जीडीपी का 58.7 फीसदी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया, सार्वजनिक कर्ज पर ब्याज के मद में सरकार ने 2014-15 में 3.27 लाख करोड़ रुपये चुकाए थे, जो तब जीडीपी का 2.6 फीसदी था।

उस वित्त वर्ष में सरकार की कुल देनदारियां 62.44 लाख करोड़ रुपये थी जो कि जीडीपी का 50.1 फीसदी था। वित्त राज्य मंत्री ने एक अन्य प्रश्न के जवाब में बताया कि सरकार का कुल कर्ज वर्तमान वित्त वर्ष में 155.33 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अनुमान है जो कि जीडीपी का 60.2 फीसदी होगा।

सहारा की कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी की चल रही जांच

केंद्रीय मंत्री इंदरजीत सिंह ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि सहारा समूह की तीन कंपनियों के खिलाफ गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) के अधिकारी जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसएफआईओ ने अभी सरकार को कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है। सिंह ने लिखित जवाब में कहा कि इन कंपनियों में धोखाधड़ी के आरोपियों के खिलाफ एसएफआईओ ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है।



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