Cannes में अवॉर्ड जीतने वाली पहली हिंदी फिल्म थी ‘नीचा नगर’, 76 साल बाद भी अब तक नहीं हुई है रिलीज


कान फिल्म फेस्टिवल 2022 इस साल 17 मई 2022 से शुरू होकर 28 मई 2022 तक चलेगा। इसमें अक्षय कुमार (Akshay Kumar), संगीतकार ए आर रहमान (AR Rahman), फिल्मकार शेखर कपूर, पूजा हेगड़े (Pooja Hegde), नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui), नयनतारा (Nayanthara), तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia), वाणी त्रिपाठी (Vani Tripathi) समेत अन्य रेड कार्पेट पर अपने जलवे बिखेरते नजर आएंगे। वहीं, 75वें कान फिल्म फेस्टिवल में दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) भी जूरी पैनल का हिस्सा बनेंगी। इसमें आर माधवन स्टारर ‘रॉकेट्री- द नाम्बी इफेक्ट’ का प्रीमियर होगा और निखिल महाजन की डायरेक्टेड ‘गोदावरी’, शंकर श्रीकुमार की डायरेक्टेड ‘अल्फा बीटा गामा’, बिस्वजीत बोरा की डायरेक्टेड फिल्म ‘बूम्बा राइड’, आंचल मिश्रा की डायरेक्टेड फिल्म ‘धुइन’ और जयराज की डायरेक्टेड फिल्म ‘ट्री फुल ऑफ पैरेट्स’ की ओलंपिया थिएटर में स्क्रीनिंग होगी। मतलब कुल 6 फिल्में अपना धमाल मचाएंगी। लेकिन क्या आपको मालूम है कि एक फिल्म ऐसी भी थी, जो 76 साल बाद भी रिलीज नहीं हुई है। चलिए आपको बताते हैं।

फ्रांस के मशहूर कान फिल्म फेस्टिवल में इंडिया ने 1946 में एंट्री कर ली थी। इसमें देव आनंद के भाई चेतन आनंद की फिल्म ‘नीचा नगर’ को ‘पाम डी ओर’ अवॉर्ड दिया गया था। इस अवॉर्ड को उस वक्त ग्रांड पिक्चर सम्मान भी कहा जाता था। और यह एक ऐसी भारतीय फिल्म है, जिसे ये मिला है। इस फिल्म में कामिनी कौशल और अदा सहगल लीड रोल्स में नजर आए थे। इसके चार साल बाद यानी 1950 में चेतन आनंद को इंडटनेशनल ज्यूरी का सदस्य बनाया गया था और वह ऐसा सम्मान पाने वाले पहले भारतीय थे।

neecha nagar

फ्रांस के मशहूर कान फिल्म फेस्टिवल में इंडिया ने 1946 में एंट्री कर ली थी।

भगत सिंह के फेवरेट राइटर के नाटक से बनी फिल्म
‘नीचा नगर’ बिली वाइल्डर की ‘द लॉस्ट वीकेंड’ और डेविड लीन की ‘ब्रीफ एनकाउंटर’ जैसी फिल्मों के साथ कम्पीट कर रही थी। चेतन आनंद की की डायरेक्टेड ये फिल्म रशियन राइटर मैक्सिम गोर्की के नाटक‘द लोवर डेप्थ्स’ पर आधारित थी। ये राइटर वही थे, जिनका नॉवल ‘मदर’ भगत सिंह को बहुत पसंद आया था। खैर, चेतन आनंद ने इनके नाटक को भारत के हिसाब से ढाला और फिल्माया। इस फिल्म की कहानी अमीरी और गरीबी के बीच के अंतर की थी। ऊंच-नीच के डिफ्रेंसेस की थी।

neecha nagar

‘नीचा नगर’ की कहानी में था संघर्ष
फिल्म में एक गरीब इलाके की कहानी दिखाई गई है। इस इलाके में आने वाले साफ पानी की सप्लाई को वहां का एक दबंग बंद कर देता है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ जाती है। उन्हें फिर गंदा पानी पीना पड़ता है, जिससे कइयों की जान पर बन आती है। वहीं, पूंजीवादी गांववालों की जमीन हथियाने की कोशिश करते हैं। कोई संसाधन न होने की वजह से कैसे गांववाले अपने हक के लिए लड़ते हैं, ये फिल्म उसी संघर्ष की कहानी बयां करती है। खैर, 29 सितंबर 1946 को इसे कान फिल्म महोत्सव में जो पहली बार दिखाया गया और इस तारीख को ही इसकी रिलीज डेट माना गया। लेकिन भारत में अब तक इसे रिलीज नहीं किया गया।

neecha nagar

चेतन आनंद की की डायरेक्टेड ये फिल्म रशियन राइटर मैक्सिम गोर्की के नाटक‘द लोवर डेप्थ्स’ पर आधारित थी।

जब फिल्म की लीड रोल हो गई थीं सरकार से खफा
साल 1946 में कान फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई इस फिल्म को बेस्ट फिल्म का सबसे बड़ा अवॉर्ड मिला था। ऐसा सम्मान अब तक किसी भी भारतीय फिल्म ने हासिल किया है। फिर भी जब सिनेमा के 100 साल पूरे हुए, तब इसको जश्न में शामिल नहीं किया गया। इसके बाद कामिनी कौशल गुस्सा हो गई थीं। उन्होंने सूचना और प्रासरण मंत्रालय को खरी-खरी सुनाई थी। उन्होंने कहा था, ‘मेरी ये डेब्यू फिल्म थी। कान फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट फिल्म का अवार्ड मिला था। और अवॉर्ड पाने वाली पहली भारतीय फिल्म भी थी। लेकिन केंद्र सरकार देश में सिनेमा के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाया लेकिन इसका कोई जिक्र नहीं था। मुझे ये देखकर बहुत दुख होता है। मैं समझ सकती हूं कि मैं बूढ़ी हो चुकी हूं और लोगों की याददाश्त से उतर चुकी हूं।’

image Source

Enable Notifications OK No thanks