‘मंदिरों का भी प्रदेश है गोवा’, सीएम बोले- दशकों पुरानी छवि बदलने का प्रयास कर रही हमारी सरकार


ममता त्रिपाठी

नई दिल्ली : गोवा का जिक्र आते ही हम सब के जेहन में क्रूज़, पार्टियां, कसीनों और समुद्र किनारे सन-बाथ, चर्च का खयाल आता है. पिछले चार दशकों से हिंदी सिनेमा ने भी गोवा की यही इमेज बना रखी है. हैरत की बात है कि गोवा में ऐसे प्राचीन मंदिर भी हैं जिनकी बनावट और उत्कृष्ट आर्किटेक्चर पूरी दुनिया में कहीं नहीं है. मगर प्रचार प्रसार के अभाव में गोवा घूमने आने वाले पर्यटक समुद्र किनारे की सैर करके ही चले जाते हैं. राज्य की भाजपा सरकार गोवा की इस दशकों पुरानी इमेज को बदलने जा रही है.

इसी क्रम में राज्य के युवा मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत गोवा के पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार करने जा रहे हैं ताकि यहां आने वाले पर्यटकों को पता चल सके कि गोवा का इतिहास कितना गौरवशाली और समृद्ध रहा है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सरकार ने मंदिरों के सुंदरीकरण और जीर्णोद्धार के इस प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़ रुपये का बजट भी पास कर दिया है ताकि पैसे की कमी की वजह से ये प्रोजेक्ट ना रुके.

जीर्णोद्धार किया जाएगा प्राचीन मंदिरों का

अपने दिल्ली दौरे पर न्यूज18 से खास बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बताया कि गोवा में कई पुराने मंदिर हैं जिन्हें पुर्तगालियों के आने के बाद वहां के लोग अपने साथ लेकर चले गए मगर ढांचा अभी भी खड़ा है. मैंने राज्य के पुरातत्व विभाग को इस तरह के मंदिरों का पता लगाने को बोला है ताकि उनका जीर्णोद्धार किया जा सके. शिवाजी महाराज ने बिचौली ब्लाक के नार्वे गांव में सप्तकोटेश्वर मंदिर की आधारशिला रखी थी,जो रख-रखाव के अभाव में अपनी सुंदरता खो रहा था. हमारी सरकार इस मंदिर के जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण पर तेजी से काम कर रही है. इसी तरह महाल्सा मंदिर है, महादेव मंदिर है.

अभी 4 प्राचीन मंदिर चिह्वित

प्रमोद सावंत ने बताया कि अभी तक 4 प्राचीन मंदिरों को चिह्वित किया गया है जो सैकड़ों साल पुराने हैं और हमारी आस्था का केंद्र रहे थे मगर इसके पहले की सरकारों ने इसकी सुध लेने की कोशिश ही नहीं की थी. गोवा का फोल्डा ब्लॉक आज भी मंदिरों के नाम से ही जाना जाता है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं मगर रख रखाव के अभाव में उन मंदिरों की स्थिति अच्छी नहीं थी जिस पर हमारी सरकार ने काम करना शुरू किया है.

पर्यटन विभाग देगा सभी जानकारी

इसके साथ ही गोवा सरकार के पर्यटन विभाग की साइट पर भी इन मंदिरों की पूरी जानकारी मैपिंग के साथ अपलोड की जाएगी. गोवा सरकार एक ऐप बनाने पर भी विचार कर रही है जहां सभी मंदिरों की जानकारी, एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से दूरी के साथ आसपास की सारी जानकारी पर्यटकों को मिल जाएगी. ये ऐप होटल, टैक्सी वालों के जरिए वहां पहुंचने वाले सभी पर्यटकों तक पहुंचाने की योजना है.

गोवा को अध्यात्म का भी हब बनाने का लक्ष्य

आपको बता दें कि गोवा की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर आधारित है इसलिए राज्य सरकार टूरिस्टों को ध्यान में रखकर कई सारी परियोजनाओं पर काम कर रही है जिसमें से एक है गोवा को अध्यात्म का भी हब बनाना. विदेशों से बहुत से सैलानी गोवा में शांति और सुकून की तलाश में भी आते हैं, ऐसे टूरिस्टों के लिए गोवा के समुद्र किनारे योग सेंटर, वेलनेस पार्क आदि बनाने पर राज्य सरकार विचार कर रही है ताकि लोग सिर्फ पार्टी करने को ही ध्यान में रखकर गोवा ना आएं.

Tags: Goa, Pramod Sawant



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