PM मोदी ने लॉन्च किया देश का पहला बुलियन एक्सचेंज, क्या है ये और कैसे करेगा काम? जानिए


हाइलाइट्स

बुलियन एक्सचेंज (IIBX) कई तरह के प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो और टेक्नोलॉजी सर्विसेज ऑफर करता है.
बुलियन एक्सचेंज में ट्रेडर्स सोने और चांदी के साथ-साथ इसके डेरिवेटिव्स में काम कर सकते हैं.
एक्सचेंज में सभी कॉन्ट्रैक्ट डॉलर में लिस्टेड हैं. उनका सेटलमेंट भी डॉलर में होगा.

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शुक्रवार को सूरत में देश के पहले इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (International Bullion Exchange – IIBX) का उद्घाटन किया. यह देश का पहला इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज है. यह एक्सचेंज गुजरात के GIFT सिटी यानी गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में स्थित है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी में एक एग्जीबिशन को भी देखा. उन्होंने इस मौके पर कहा कि पिछले आठ वर्षों में देश ने वित्तीय समावेशन (financial inclusion) की एक नई लहर देखी है. यहां तक कि गरीब से गरीब भी औपचारिक वित्तीय संस्थानों में शामिल हो रहे हैं. आज, जब एक बड़ी आबादी फाइनेंस से जुड़ गई है, यह समय की मांग है कि सरकारी संगठन और निजी खिलाड़ी एक साथ आगे बढ़ें.

गांधीनगर के इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) कई तरह के प्रोडक्ट्स पोर्टफोलियो और टेक्नोलॉजी सर्विसेज ऑफर करता है. इसकी खासियत है कि इसकी लागत देश के दूसरे एक्सचेंजों और विदेश के एक्सचेंजों के मुकाबले काफी कम है. बुलियन एक्सचेंज में ट्रेडर्स सोने और चांदी के डेरिवेटिव्स में काम कर सकते हैं.

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शुरुआत में IIBX में T+0 सेटलमेंट के साथ 995 प्यूरिटी के एक किलोग्राम और 999 प्यूरिटी के 100 ग्राम गोल्ड में ट्रेडिंग होने की संभावना है. इस एक्सचेंज में सभी कॉन्ट्रैक्ट डॉलर में लिस्टेड हैं. उनका सेटलमेंट भी डॉलर में होगा.

लीगल टेंडर माना जाता है बुलियन

बुलियन का मतलब फिजिकल गोल्ड और सिल्वर है, जिसे लोग कॉइन, बार आदि के रूप में अपने पास रखते हैं. कई बार बुलियन को लीगल टेंडर माना जाता है. केंद्रीय बैंक (RBI) के रिजर्व में भी बुलियन शामिल होता है. इंस्टीट्यूशनल निवेशक भी इसे अपने पास रखते हैं.

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सरकार ने पिछले साल अगस्त में बुलियन स्पॉट डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट और बुलियन डिलीवरी रिसीट (BDR) को नोटिफाई किया था. IIBX का रेगुलेटर इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर्स अथॉरिटी (IFSCA) है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2020-21 में IIBX की स्थापना का ऐलान किया था.

कैसे काम करेगा ये एक्सचेंज?

IIBX के जरिए इंडिया में सोने-चांदी का आयात होगा. घरेलू खपत के लिए बुलियन का आयात भी इसी एक्सचेंज के जरिए होगा. इस एक्सचेंज के रूप में बाजार के सभी भागीदारों को बुलियन ट्रेडिंग के लिए एक कॉमन और पारदर्शी प्लेटफॉर्म मिल जाएगा. इससे सही मूल्य निर्धारण में मदद मिलेगी. साथ ही सोने की क्वालिटी की गारंटी भी होगी.

RBI ने इस साल मई में IIBX के जरिए गोल्ड के इंपोर्ट के लिए मानक पेश किए थे. इस गाइडलाइंस के जरिए घरेलू क्वालिफायड ज्वेलर्स को भी IIBX के जरिए गोल्ड इंपोर्ट का मौका मिलेगा.

गाइडलाइंस के मुताबिक, बैंक क्वालिफायड ज्लेलर्स को IIBX के जरिए गोल्ड इंपोर्ट के वास्ते 11 दिन के लिए एडवान्स पेमेंट की सुविधा देंगे. RBI ने भी कहा है कि गोल्ड इंपोर्ट्स के लिए क्वालिफायड ज्वेलर्स की तरफ से किया जाने वाले पेमेंट IFSCA से मान्यताप्राप्त एक्सचेंज के जरिए होगा.

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