Punjab Exit Poll 2022: कैसे ‘खरगोश से हाथी’ बन गई आम आदमी पार्टी, पगड़ी के जरिए धुरंधरों को दी मात


सार

सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, अब ये बक्से ही बताएंगे कि क्या होना है, तो इंतजार कीजिए 10 मार्च तक का। पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान बोले, अगले पांच वर्षों के लिए अपने बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों के भविष्य की बागडोर किसके हाथों में रखेंगे, इसका जनादेश मशीनों में बंद है। 10 मार्च को नतीजे आएंगे, आप लोगों के जनादेश को स्वीकार करेगी…

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पंजाब के एग्जिट पोल के नतीजे आम आदमी पार्टी के लिए उत्साहवर्धक हैं। इंडिया टुडे एक्सिस और दूसरी मीडिया एजेंसियों के सर्वे आप को 117 में से 76-90 सीट मिलने की संभावना जता रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो ये आखिर ये कैसे संभव हुआ? पंजाब में आम आदमी पार्टी ने ‘खरगोश से हाथी’ बनकर दूसरे दलों को मात दे दी है। इस चुनाव में आप ने दिल्ली मॉडल की तर्ज पर पंजाब के विकास की बात की। दूसरा, पंजाब में मुख्यमंत्री के लिए ‘पगड़ी’ वाला चेहरा यानी भगवंत मान को आगे ले आए। इन दोनों बातों ने केजरीवाल को मज़बूती प्रदान की। आप ने चुपके से अपनी रणनीति और संभावित उम्मीदवारों पर फोकस किया। पार्टी ने 2017 के चुनाव में जिन पदाधिकारियों को पंजाब में भेजा था, इस बार उनमें से अधिकांश चेहरों को दिल्ली में ही बैठाकर रखा गया। राघव चड्ढा जैसे नए चेहरों को मौका दिया गया। राघव, केजरीवाल के खास माने जाते हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार और पार्टी में खुद को साबित कर दिखाया है। वे पंजाब के सह प्रभारी रहे हैं।

पंजाब में आप को छोड़कर अन्य दल परंपरागत तरीके से चुनाव में उतरे। एक दूसरे की आलोचना करने से लेकर उनकी आपसी सिर फुटौव्वल नजर आई। कांग्रेस पार्टी के नेता एक दूसरे पर बाण छोड़ रहे थे। अकाली दल अपने पिछले ट्रेंड को नहीं छोड़ सकी। मुद्दों पर चुनाव लड़ने की बजाए, जाति और दूसरी बातों पर अधिक ध्यान रहा। भाजपा की छवि किसान आंदोलन में खराब हो चुकी थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह की कार्यशैली से लोग खुश नहीं थे। ऐसे में आप ने चुपके से लोगों के बीच एक सर्वे कराया। उसमें मालूम पड़ा कि पंजाब के लोग बदलाव चाहते हैं। वे आप को एक बड़े विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। यहां पर आप के लिए एक बड़ी दिक्कत सीएम का चेहरा थी। केजरीवाल को लेकर विपक्ष ने यह बात फैला दी कि वे पंजाब के सीएम बनना चाहते हैं। इसके बाद केजरीवाल ने रैली में कहा, पंजाब का सीएम कोई सिख ही होगा। यानी पगड़ी वाला व्यक्ति ही सीएम उम्मीदवार होगा।  

लंबे समय से आप के सांसद भगवंत मान पंजाब में सक्रिय हैं। हालांकि उनकी छवि को लेकर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं। खुद केजरीवाल इस बारे में आशंकित थे। पार्टी के सर्वे में सामने आया कि भगवंत मान को यदि सीएम फेस घोषित नहीं करते तो पार्टी को नुकसान हो सकता है। ऐसे में केजरीवाल ने मान को आगे कर दिया। इसके बाद केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल लोगों के बीच रखा। जब चुनावी रैलियों में विपक्षी नेता आप पर तरह तरह के आरोप लगा रहे थे, उस वक्त केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बात की। पंजाब से नशे को खत्म करने का भरोसा दिलाया। चूंकि लोगों को विकल्प चाहिए था और केजरीवाल उसमें फिट बैठे। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में 16 हजार मोहल्ला क्लिनिक खोलने की बात कही। लोगों का मुफ्त इलाज होगा। 18 साल से ऊपर की महिला के बैंक खाते में हर महीने 1000 रुपये डाले जाएंगे। दिल्ली की तरह पंजाब में भी 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। पावर सप्लाई 24 घंटे रहेगी। पंजाब को नशा मुक्त बनाया जाएगा।

आप नेता राघव चड्ढा का कहना है कि पंजाब में लोगों ने दिल्ली के विकास मॉडल को पसंद किया है। पिछली बार आप चूक गई थी। पांच साल के दौरान आप ने लोगों से बातचीत की है। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि आप, उनकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी। दरअसल, पंजाब के लोग अन्य सभी दलों से परेशान हैं। दूसरे दल केवल आरोप लगाते थे, जबकि आप विकास की बात करती थी। आप ने बिल्कुल दिल्ली की तर्ज पर चुनाव लड़ा है। अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, शिरोमणी अकाली दल ने कभी भी ओपिनियन और एग्जिट पोल को अहमियत नहीं दी है। हमने हमेशा देखा कि यह सारे आंकड़े गलत होते हैं। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, अब ये बक्से ही बताएंगे कि क्या होना है, तो इंतजार कीजिए 10 मार्च तक का। पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान बोले, अगले पांच वर्षों के लिए अपने बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों के भविष्य की बागडोर किसके हाथों में रखेंगे, इसका जनादेश मशीनों में बंद है। 10 मार्च को नतीजे आएंगे, आप लोगों के जनादेश को स्वीकार करेगी।

विस्तार

पंजाब के एग्जिट पोल के नतीजे आम आदमी पार्टी के लिए उत्साहवर्धक हैं। इंडिया टुडे एक्सिस और दूसरी मीडिया एजेंसियों के सर्वे आप को 117 में से 76-90 सीट मिलने की संभावना जता रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो ये आखिर ये कैसे संभव हुआ? पंजाब में आम आदमी पार्टी ने ‘खरगोश से हाथी’ बनकर दूसरे दलों को मात दे दी है। इस चुनाव में आप ने दिल्ली मॉडल की तर्ज पर पंजाब के विकास की बात की। दूसरा, पंजाब में मुख्यमंत्री के लिए ‘पगड़ी’ वाला चेहरा यानी भगवंत मान को आगे ले आए। इन दोनों बातों ने केजरीवाल को मज़बूती प्रदान की। आप ने चुपके से अपनी रणनीति और संभावित उम्मीदवारों पर फोकस किया। पार्टी ने 2017 के चुनाव में जिन पदाधिकारियों को पंजाब में भेजा था, इस बार उनमें से अधिकांश चेहरों को दिल्ली में ही बैठाकर रखा गया। राघव चड्ढा जैसे नए चेहरों को मौका दिया गया। राघव, केजरीवाल के खास माने जाते हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार और पार्टी में खुद को साबित कर दिखाया है। वे पंजाब के सह प्रभारी रहे हैं।

पंजाब में आप को छोड़कर अन्य दल परंपरागत तरीके से चुनाव में उतरे। एक दूसरे की आलोचना करने से लेकर उनकी आपसी सिर फुटौव्वल नजर आई। कांग्रेस पार्टी के नेता एक दूसरे पर बाण छोड़ रहे थे। अकाली दल अपने पिछले ट्रेंड को नहीं छोड़ सकी। मुद्दों पर चुनाव लड़ने की बजाए, जाति और दूसरी बातों पर अधिक ध्यान रहा। भाजपा की छवि किसान आंदोलन में खराब हो चुकी थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह की कार्यशैली से लोग खुश नहीं थे। ऐसे में आप ने चुपके से लोगों के बीच एक सर्वे कराया। उसमें मालूम पड़ा कि पंजाब के लोग बदलाव चाहते हैं। वे आप को एक बड़े विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। यहां पर आप के लिए एक बड़ी दिक्कत सीएम का चेहरा थी। केजरीवाल को लेकर विपक्ष ने यह बात फैला दी कि वे पंजाब के सीएम बनना चाहते हैं। इसके बाद केजरीवाल ने रैली में कहा, पंजाब का सीएम कोई सिख ही होगा। यानी पगड़ी वाला व्यक्ति ही सीएम उम्मीदवार होगा।  

लंबे समय से आप के सांसद भगवंत मान पंजाब में सक्रिय हैं। हालांकि उनकी छवि को लेकर कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं। खुद केजरीवाल इस बारे में आशंकित थे। पार्टी के सर्वे में सामने आया कि भगवंत मान को यदि सीएम फेस घोषित नहीं करते तो पार्टी को नुकसान हो सकता है। ऐसे में केजरीवाल ने मान को आगे कर दिया। इसके बाद केजरीवाल ने दिल्ली मॉडल लोगों के बीच रखा। जब चुनावी रैलियों में विपक्षी नेता आप पर तरह तरह के आरोप लगा रहे थे, उस वक्त केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बात की। पंजाब से नशे को खत्म करने का भरोसा दिलाया। चूंकि लोगों को विकल्प चाहिए था और केजरीवाल उसमें फिट बैठे। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में 16 हजार मोहल्ला क्लिनिक खोलने की बात कही। लोगों का मुफ्त इलाज होगा। 18 साल से ऊपर की महिला के बैंक खाते में हर महीने 1000 रुपये डाले जाएंगे। दिल्ली की तरह पंजाब में भी 300 यूनिट बिजली मुफ्त मिलेगी। पावर सप्लाई 24 घंटे रहेगी। पंजाब को नशा मुक्त बनाया जाएगा।

आप नेता राघव चड्ढा का कहना है कि पंजाब में लोगों ने दिल्ली के विकास मॉडल को पसंद किया है। पिछली बार आप चूक गई थी। पांच साल के दौरान आप ने लोगों से बातचीत की है। उन्हें भरोसा दिलाया गया कि आप, उनकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी। दरअसल, पंजाब के लोग अन्य सभी दलों से परेशान हैं। दूसरे दल केवल आरोप लगाते थे, जबकि आप विकास की बात करती थी। आप ने बिल्कुल दिल्ली की तर्ज पर चुनाव लड़ा है। अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, शिरोमणी अकाली दल ने कभी भी ओपिनियन और एग्जिट पोल को अहमियत नहीं दी है। हमने हमेशा देखा कि यह सारे आंकड़े गलत होते हैं। सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, अब ये बक्से ही बताएंगे कि क्या होना है, तो इंतजार कीजिए 10 मार्च तक का। पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान बोले, अगले पांच वर्षों के लिए अपने बच्चों, युवाओं, बुजुर्गों के भविष्य की बागडोर किसके हाथों में रखेंगे, इसका जनादेश मशीनों में बंद है। 10 मार्च को नतीजे आएंगे, आप लोगों के जनादेश को स्वीकार करेगी।



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