आपकी भावनात्मक यादों को मजबूत करती है रैपिड आई मूवमेंट स्लीप, जानिए क्या है ये


ये सच है कि अच्छी नींद लेना शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए फायदेमंद हैं औरे ये बात साइंटिस्ट भी पहले से कहते रहे हैं कि दिमाग (Brain) के ठीक तरह से काम करने में नींद की बड़ी भूमिका होती है. अब एक स्टडी सामने आया है कि एक आम मनुष्य रैपिड आई मूवमेंट (REM) वाली नींद (नींद का दूसरा चरण) से अपनी भावनात्मक यादों यानी इमोशनल मेमोरी को मजबूत कर सकता है. ये स्टडी यूनिवर्सटी ऑफ बर्न (University of Bern) के रिसर्चर्स द्वारा की गई है. ये परिणाम हाल ही में किए गए अन्य अध्ययनों को मजबूती देता है, जिनके अनुसार नींद दिमाग की न्यूरोनल एक्टिविटी को शांत रखती है. इस स्टडी का निष्कर्ष साइंस जर्नल में प्रकाशित किया गया है.

आपको बता दें कि दिमाग में प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स (prefrontal cortex) वो हिस्सा होता है, जहां ज्यादातर भावनात्मक प्रक्रियाएं (emotional processes) होती हैं. स्टडी में कहा गया है कि रैपिड आई मूवमेंट (आरईएम) के साथ सोने पर दिमाग के पिरामिडल न्यूरॉन्स अजीब तरह से शांत रहते हैं.

नींद से सही-गलत परखने की समझ
साइंटिस्ट पहले इस बात पर भरोसा नहीं कर पाते थे कि आखिर ब्रेन का कोई हिस्सा नींद के दौरान हमारी भावनाओं को कैसे कंट्रोल करेगा? क्योंकि तब तो ये एक्टिव नहीं रहता है. लेकिन अब स्टडी में दिखा कि एक सोते और जागते हुए दिमाग में यही अंतर है. मौन और आरईएम से नींद लेने पर शरीर के पूरे सिस्टम को रीसेट किया जा सकता है. मतलब अच्छी नींद से सही और गलत को परखने की समझ बेहतर होती है.

यह भी पढ़ें-
सेहत सुधारने के लिए खाते हैं ज्यादा पालक तो जान लें इसके नुकसान

ऐसी नींद में दिमाग तक पहुंचा संदेश आगे नहीं बढ़ता
रैपिड आई मूवमेंट (REM) के दौरान दिमाग में संदेश मिलता जरूर है, लेकिन न्यूरॉन उसे आगे नहीं बढ़ाते हैं. रिसर्च में ये सामने आया कि आरईएम तरीके से सोते हुए दिमाग में मौजूद न्यूरॉन्स दिमाग के एक हिस्से तक संदेश पहुंचाते जरूर हैं, लेकिन वो संदेश न्यूरॉन के ही दूसरे हिस्से तक नहीं जाता है. ये रिसर्च शुरुआती लेवल पर चूहों पर हुई है. साइंटिस्ट इसके नतीजों से इंसान की नींद को समझने की कोशिश कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें-
नाखूनों में भी दिखते हैं विटामिन बी12 की कमी के संकेत, जानें स्वस्थ रहने के लिए क्यों जरूरी है ये पोषक तत्व

क्या है आरईएम
नींद के दूसरे चरण को रैपिड आई मूवमेंट (REM) स्लीप कहा जाता है. ये वो चरण है जिसमें हम सपने ज्यादा देखते हैं. और ज्यादातर इस समय की नींद की बातें (सपने-घटनाएं) हमें याद रह जाती है. वहीं नींद के इससे पहले के चरण को एनआरईएम यानी नॉन रैपिड आई मूवमेंट स्लीप कहते हैं, साधारण भाषा में इसे गहरी नींद कहते हैं. आरईएम के मुकाबले एनआरईएम ज्यादा लंबी होती है.

Tags: Health, Health News, Lifestyle

image Source

Enable Notifications OK No thanks