RBI Monetary Policy : आरबीआई ने महंगा कर दिया कार और होम लोन, फिर भी कैसे घटा सकते हैं ईएमआई का बोझ?


हाइलाइट्स

बाहरी बेंचमार्क से जुड़े कर्ज तो सीधे तौर पर 0.50 फीसदी महंगे हो जाएंगे.
लोन पर प्रीपेमेंट करके ईएमआई का बोझ घटाया जा सकता है.
लोन की अवधि बढ़ाकर हर महीने पड़ने वाले ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं.

नई दिल्‍ली. रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट में बड़ी बढ़ोतरी कर लोन लेने वालों को तगड़ा झटका दिया है. इस बार रेपो रेट में 0.50 फीसदी की वृद्धि की गई है, जिससे आपका होम लोन, ऑटो लोन या अन्‍य किसी तरह का लोन भी जल्‍द ही महंगा हो जाएगा.

बैंकों के बाहरी बेंचमार्क से जुड़े कर्ज तो सीधे तौर पर 0.50 फीसदी महंगे हो जाएंगे और आप पर ईएमआई का बोझ बढ़ जाएगा. रेपो रेट में इस बढ़ोतरी का असर पुराने कर्जधारक और नया लोन लेने वाले दोनों पर ही पड़ेगा. अगर आपको भी अपनी ईएमआई बढ़ने का डर सता रहा है और उसे चुकाने की वित्‍तीय स्थिति अभी नहीं है तो हम आपको 5 सुझाव दे रहे हैं, जिससे आजमाकर आप अपने ईएमआई का बोझ घटा सकते हैं. सबसे ज्‍यादा असर होम लोन पर पड़ता है, क्‍योंकि यह लंबी अवधि का लोन होता है और ब्‍याज दरों में जरा सा भी हेरफेर होने पर बड़ असर दिखता है.

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1-पुराने कर्जधारक हैं तो…प्री पेमेंट करें
अगर आपका पहले से ही होम लोन या कार लोन चल रहा है तो अपने लोन पर प्रीपेमेंट करके ईएमआई का बोझ घटाया जा सकता है. होम लोन पर तो सभी सरकारी और निजी बैंक प्री-पेमेंट की सुविधा देते हैं. इसका फंडा ये है कि जब आप अपने लोन पर प्रीपेमेंट करते हैं तो वह रकम सीधे आपके मूलधन यानी प्रिंसिपल अमाउंट में जाती है और मूलधन घटने की वजह से ब्‍याज के रूप में लगने वाली रकम भी कम हो जाती है. इससे आपके ऊपर ईएमआई का बोझ भी कम हो जाएगा और लोन पर लंबी अवधि में अच्‍छी खासी बचत भी हो जाएगी.

2-नया लोन लेना है तो…ज्‍यादा डाउन पेमेंट करें
अगर आप होम लोन या ऑटो लोन लेने की योजना बना रहे हैं और ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी से ईएमआई का बोझ बढ़ने का जोखिम दिख रहा है तो कोशिश करें कि लोन के एवज में डाउन पेमेंट ज्‍यादा रखें. होम लोन पर एक-दो लाख रुपये भी ज्‍यादा दे दिया तो आपकी हर महीने की ईएमआई काफी कम हो सकती है. इससे ब्‍याज के रूप में बड़ी बचत भी हो जाएगी.
इसे ऐसे समझें कि अगर आपने 30 लाख रुपये का लोन 7.50 फीसदी ब्‍याज पर 20 साल के लिए लिया है तो हर महीने की ईएमआई 24,168 रुपये आएगी. यदि दो लाख रुपये ज्‍यादा डाउन पेमेंट किया और लोन 28 लाख हो गया तो ईएमआई 22,557 रुपये हो जाएगी. इससे सीधे 1,611 रुपये की हर महीने बचत हुई. लोन की पूरी अवधि में आपकी बचत 3.86 लाख रुपये की होगी.

होम लोन

होम लोन ईएमआई

3-लोन की अवधि बढ़ा लें
ईएमआई का बोझ घटाने के लिए यह सबसे आसान तरीका होता है. आप अपने लोन की अवधि बढ़ाकर हर महीने पड़ने वाले ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं. हालांकि, लोन की अवधि बढ़ने से ब्‍याज के रूप में जाने वाली कुल रकम भी बढ़ जाएगी. इसको ऐसे समझें कि आपने 30 लाख रुपये का लोन 7.50 फीसदी ब्‍याज पर 20 साल के लिए लिया है तो हर महीने की ईएमआई 24,168 रुपये जा रही और पूरे टेन्‍योर में 28,00,271 रुपये ब्‍याज देने होंगे.

अगर लोन की अवधि 5 साल बढ़ाकर 25 साल कर दी तो ईएमआई घटकर 22,170 रुपये हो जाएगी. यानी हर महीने दो हजार रुपये कम होगी, लेकिन पूरे टेन्‍योर में ब्‍याज के रूप में कुल अदायगी बढ़कर 36,50,921 रुपये हो जाएगी. यानी आपको 8.50 लाख रुपये ज्‍यादा चुकाने होंगे.

4-ब्‍याज दर घटाने के लिए बैंक से बात करें
अगर आपके लोन भुगतान की हिस्‍ट्री सही है और बेहतर सिबिल यानी क्रेडिट स्‍कोर भी रखते हैं तो अपने बैंक से बात करके ब्‍याज दर कम करवा सकते हैं. कई बार ऐसा होता है कि आपका बैंक बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए ब्‍याज दरों में कटौती कर सकता है. मान लीजिए बैंक ने ब्‍याज दर में 0.25 फीसदी की भी कटौती कर दी तो आपके लोन की नई दर 7.25 फीसदी हो जाएगी. इससे 20 साल के लिए लिया गया 30 लाख रुपये के लोन की ईएमआई 24,168 रुपये घटकर 23,711 रुपये पर आ जाएगी.

5-दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर सकते हैं लोन
अगर आपका बैंक ब्‍याज दरें घटाने के लिए राजी नहीं है या आपने ऐसे बैंक से होम लोन ले रखा है, जो ज्‍यादा ब्‍याज वसूल रहा तो अपना लोन दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं. इससे ब्‍याज दर कम हो जाएगी और आपके ऊपर ईएमआई का बोझ भी घट जाएगा. मान लीजिए नया बैंक आपको 0.50 फीसदी कम ब्‍याज पर लोन ऑफर कर रहा है तो…

7.50 फीसदी ब्‍याज पर 20 साल के लिए लिया गया 30 लाख रुपये का होम लोन जो अभी तक 24,168 रुपये की ईएमआई ले रहा था, 7 फीसदी ब्‍याज दर होने पर ईएमआई घटकर 23,259 रुपये पर आ जाएगी. यानी आपको हर महीने 909 रुपये और सालाना 10,908 रुपये की बचत होगी.

Tags: Business news in hindi, Car loan, Home loan EMI, Interest Rates, Rbi policy, Shaktikanta Das

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