Investment Tips: पिछले कुछ महीनों के भारी उतार-चढ़ाव और करेक्शन के बाद बाजार में फिर से तेजी देखने को मिल रही है. महंगाई और विकास जैसे मुद्दों पर जारी चिंताओं के बीच बाजार ने फिर आगे का रूख किया है. इस स्थिति में पक्के तौर यह नहीं कहा जा सकता है बाजार ने किन खबरों या संभावनाओं पचा लिया है. लेकिन स्थिति देखकर यह कहा जा सकता है कि मार्केट ने ये मान लिया है कि महंगाई अपने चरम पर आ गई है. Mirae Asset Mutual Fund के रिसर्च हेड हर्षद बोरावाके (Harshad Borawake) ने मनी कंट्रोल से बातचीत में मार्केट को लेकर ये बात कही.
हर्षद बोरावाके ने कहा कि रिजर्व बैंक रेट हाइक तो करेगी क्योंकि मुद्रास्फीति अभी केंद्रीय बैंक के 2 से 6 फीसदी की लिमिट के ऊपर ही चल रही है. हालांकि आरबीआई दूसरे देश के केंद्रीय बैंकों की तुलना में थोड़ी नरम रूख रखेगा. कमोडिटी की घटती कीमतों और अच्छा मानसून को देखते हुए रिजर्व बैंक बहुत आक्रामक रेट हाइक नहीं करेगा.
उच्च मुद्रास्फीति समस्या बनी
बोरावाके ने कहा कि यदि आप वर्तमान वैश्विक व्यवस्था को देखें, तो रूस-यूक्रेन संघर्ष ने ग्लोबल सप्लाई चेन पर कुछ दबाव पैदा किया है, जबकि उच्च ऊर्जा और खाद्य कीमतों के परिणामस्वरूप उच्च मुद्रास्फीति हुई है.
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यह स्थिति कब तक बनी रहेगी, इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है. लेकिन यह विकास पर असर डालेगा ही. हालांकि, पिछली मंदी के विपरीत, हमारा मानना है कि यह काफी लंबे समय तक नहीं रहेगी क्योंकि नीजि क्षेत्र की बैलेंस शीट अच्छी स्थिति में है. इसलिए, एक बार जब मुद्रास्फीति स्थिर हो जाती है, तो आगे विकास को स्पीड को तेज करना अपेक्षाकृत आसान होना चाहिए.
कैपिटल गुड्स सेक्टर
कैपिटल गुड्स सेक्टर से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचे पर खर्च करना जारी रखा है. लेकिन उसकी तुलना में निजी निवेश पर्याप्त नहीं था. अब, जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था सामान्य होती है और उद्योगों में रिकवरी दिखेगी तो निजी निवेश भी आना शुरु हो जाएगा. हम उम्मीद करते हैं कि निजी पूंजीगत व्यय वापस आएगा और इससे कैपिटल गुड्स सेक्टर को लाभ होना चाहिए. पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजनाओं जैसे सरकारी प्रयासों से भी मदद मिलनी चाहिए.
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पावर सेक्टर निवेश के लिए बेहतर विकल्प
पावर सेक्टर पर उन्होंने कहा कि अभी यह क्षेत्र पिछले कई सालों से डिरेटिंग से गुजर रहा है. इसके अलावा पर्यावरण और गवर्नेंस से जुड़ी चिंताए इस सेक्टर दवाब बनाती रही हैं. इकोनॉमी के रिकवरी पकड़ने और पर्यावरणीय के शुरू होते समाधान को देखते हुए अब यह सेक्टर तेजी से आगे बढ़ने को तैयार है. सरकार ने भी इसके लिए बड़े लक्ष्य तय किए हैं. लिहाजा यह सेक्टर भी निवेश के लिए काफी अहम है.
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Tags: BSE Sensex, Investment, Share market, Stock Markets
FIRST PUBLISHED : July 31, 2022, 21:20 IST