सेबी ने IPO में बोली लगाने के नियम में किया बड़ा बदलाव, निवेशकों पर क्या होगा इसका असर, पढ़ें पूरी डिटेल


नई दिल्ली. बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने आईपीओ में बोली लगाने के नियम में बड़ा बदलाव कर दिया है. अब वही निवेशक पब्लिक इश्यू के लिए बोली लगा सकेंगे, जो वास्तव में कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं. यह नियम सभी तरह के निवेशकों के लिए लागू किया गया है.

दरअसल, सेबी को इस बात की जानकारी मिली थी कि कुछ संस्थागत और अमीर निवेशक (एचएनआई) सिर्फ आईपीओ का सब्सक्रिप्शन बढ़ाने के लिए उसमें बोली लगा रहे हैं. उनका मकसद शेयरों में निवेश करना नहीं था. नए नियम से सब्सक्रिप्शन डेटा बढ़ाने के लिए बोली लगाने पर रोक लग जाएगी. नए नियम 1 सितंबर, 2022 से लागू होंगे.

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नियम में हुआ ये बदलाव

सेबी ने सोमवार को इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर में कहा गया है कि आईपीओ के आवेदन को तभी प्रोसेस किया जाएगा, जब उसके लिए जरूरी फंड निवेशकों के बैंक खाते में उपलब्ध होगा. बाजार नियामक सर्कुलर के मुताबिक, “स्टॉक एक्सचेंज अपने इलेक्ट्रॉनिक बुक बिल्डिंग प्लेटफॉर्म पर एएसबीए (ASBA) आवेदन को तभी स्वीकार करेंगे, जब उसके साथ मनी ब्लॉक होने का कन्फर्मेशन होगा.”

सभी निवेशकों पर होगा लागू

नया नियम सभी तरह के निवेशकों पर लागू होगा. आईपीओ में बोली लगाने के लिए खुदरा, पात्र-संस्थागत खरीदार (QIB), गैर-संस्थागत निवेशक (NII) जैसी श्रेणी बनाई गई है. 1 सितंबर, 2022 से बाजार में दस्तक देने वाले सभी पब्लिक इश्यू को इस नियम का पालन करना होगा. अभी सभी श्रेणी के निवेशकों के फंड को एएसबीए आधार पर ब्लॉक किया जाता है. लेकिन व्यवहारिक तौर पर क्यूआईबी और एनआईआई को कुछ छूट हासिल है.

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बाजार नियामक को जानकारी मिली थी कि हाल के कुछ आईपीओ में कुछ खास आवेदन इसलिए रद्द करने पड़े, क्योंकि निवेशक के बैंक खाते में पर्याप्त पैसे नहीं थे. अभी आईपीओ में बोली लगाने वाले निवेशकों को शेयर अलॉट होने के बाद ही एएसबीए फ्रेमवर्क के जरिये उसके बैंक खाते से पैसे निकलते हैं.

Tags: Business news in hindi, IPO, SEBI, Share market

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