शोएब अख्तर मौजूदा दौर के क्रिकेट से मायूस, ICC को दिए दो बड़े सुझाव


नई दिल्ली. क्रिकेट में जब भी तेज गेंदबाजों की बात होती है तो पाकिस्तान के शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) का नाम जरूर लिया जाता है. अख्तर अपनी तेज रफ्तार गेंदबाजी के लिए जाने जाते थे. इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कई बार यह बात कही है कि मौजूदा दौर में पहले जैसी तेज गेंदबाजी नहीं होती है. यही वजह है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) से अब मौजूदा नियमों में बदलाव की मांग की है. अख्तर की मांग है कि टेस्ट क्रिकेट में दोबारा बॉडी लाइन गेंदबाजी (Body Line Bowling) को शुरू की जाए. साथ ही एक ओवर में बाउंसर (Bouncer rule) फेंकने की जो सीमा तय की गई है, उसे भी खत्म कर दिया जाना चाहिए. इससे क्रिकेट में रोमांच पैदा होगा और दिलचस्प मुकाबले देखने को मिलेंगे.

इंग्लैंड ने 1932-33 की एशेज सीरीज (Ashes Series) से बॉडी लाइन गेंदबाजी शुरू की थी. इसमें गेंदबाज गेंद को बल्लेबाज की शरीर की तरफ फेंकता था, जिससे वो गेंद खेलने पर मजबूर होता या गेंद उसके शरीर पर लगती. हालांकि, खिलाड़ियों के लगातार चोटिल होने की वजह से इस नियम को जल्दी ही हटा दिया गया. वहीं, टेस्ट में एक ओवर में अधिकतम 2 बाउंसर फेंकने का नियम 1994 से अस्तित्व में आया था.

आज की क्रिकेट में एग्रेशन नहीं बचा: शोएब अख्तर
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने जोर देकर कहा कि मॉर्डन-डे क्रिकेटर सॉफ्ट बन गए हैं और उनमें कोई आक्रामकता नहीं बची है. उन्होंने क्रिकेट में ‘कैरेक्टर’ और रोमांच लाने के लिए पुराने नियमों को वापस लाने की मांग की. अंग्रेजी अखबार डेली मेल ने अख्तर के हवाले से लिखा, मौजूदा दौर में क्रिकेट खिलाड़ी काफी सॉफ्ट हैं. मुझे नहीं लगता कि उनमें ज्यादा आक्रामकता है. मुझे नहीं पता ऐसा क्यों है? मैं ओल्ड स्कूल सोच वाला खिलाड़ी रहा हूं. जैसा कि इयान चैपल हैं. मैं चाहता हूं कि गेंदबाज असीमित बाउंसर फेंक सकें. टेस्ट क्रिकेट में बॉडी लाइन को मंजूरी मिलनी चाहिए. क्यों नहीं? मैं खेल में कैरेक्टर देखना चाहता हूं.”

अख्तर ने पोंटिंग से जुड़ा किस्सा साझा किया
अख्तर ने 2004-05 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज को याद किया. उस दौरे पर अख्तर ने अपनी तेज रफ्तार बाउंसर से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को काफी परेशान किया था. उन्होंने बताया कि टेस्ट मैच के दौरान मैंने सोचा कि अगर कुछ नहीं हो रहा, तो चलो किसी को चोटिल करता हूं. इसलिए उस सीरीज मैं तेज गेंदें फेंकता था. मैं देखना चाहता था कि क्या रिकी पॉन्टिंग मेरी तेजी का सामना कर पाते हैं या नहीं? और इसलिए मैंने उन्हें लगातार बाउंसर फेंकीं. यह देखने के लिए कि क्या वे मुझे मात दे पाते हैं या नहीं. इससे पहले मैंने उन्हें कभी अपनी रफ्तार से परेशान नहीं किया था.

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अख्तर ने पाकिस्तान के लिए 46 मैच में 178 विकेट लिए. इसके अलावा उन्होंने 163 वनडे में 247 विकेट हासिल किए. टी20 में इस तेज गेंदबाज ने 15 मैच में कुल 19 विकेट झटके.

Tags: ICC, ICC Rules, Shoaib Akhtar

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