Side Effects of Abortion: बार-बार गर्भपात कराने के होते हैं कई स्वास्थ्य जोखिम, ये हैं इसके साइड एफेक्ट्स


Abortion Risks and Side Effects: कई बार अनचाही प्रेग्नेंसी (unwanted pregnancy) के कारण लोग गर्भपात (Abortion) का रास्ता चुनते हैं. कुछ कपल्स को ऐसा मजबूरी में करवाना पड़ता है. कई बार प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कोई समस्या आने पर एबॉर्शन कराने की जरूरत पड़ती है. मेडिकल और सर्जिकल दो तरह से एबॉर्शन किए जाते हैं. सर्जिकल एबॉर्शन क्लिनिक या हॉस्पिटल में होता है. मेडिकल एबॉर्शन (मेडिकेशन एबॉर्शन) वह प्रक्रिया है, जिसमें दवाओं के जरिए प्रारंभिक गर्भावस्था (early pregnancy) को समाप्त किया जाता है. लेकिन एक बात का ख्याल रखना चाहिए बार-बार गर्भपात करवाने से महिला के शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है. एबॉर्शन से भविष्य में गर्भधारण करने में भी समस्या आ सकती है. यह यूटरिन सर्विक्स (uterine cervix) के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है.

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गर्भपात के नुकसान
कॉम्पासकेयर डॉट इन्फो में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश महिलाओं को गर्भपात के बाद निम्नलिखित साइड एफेक्ट्स नजर आ सकते हैं:

  • ब्लीडिंग 14 से लेकर 21 दिनों तक रह सकता है.
  • ऐंठन या मरोड़
  • चक्कर आना
  • ड्राउजीनेस या उनींदापन
  • मतली या उल्टी आना

एबॉर्शन की संभावित जटिलताएं

  • गर्भ या गर्भाशय ग्रीवा को नुकसान
  • अत्यधिक रक्तस्राव
  • अधूरा गर्भपात, जिसमें अतिरिक्त सर्जिकल गर्भपात प्रक्रिया की जरूरत होती है
  • गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब में इंफेक्शन
  • गर्भाशय के अंदर जख्म, निशान, चोट लगना
  • सेप्सिस या सेप्टिक शॉक
  • कुछ मामलों में मौत

गर्भपात से भविष्य में होने वाले स्वास्थ्य जोखिम
गर्भपात कराने से गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) कमजोर हो सकता है, जिससे महिला के भविष्य में प्री-टर्म डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि गर्भपात से समय से पहले जन्म के जोखिम को 25 से 27% के बीच बढ़ा देता है. यदि एक महिला दो या दो से अधिक एबॉर्शन कराती है, तो समय से पहले जन्म का जोखिम 51% से 62% के बीच बढ़ जाता है.

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एबॉर्शन के बाद यूं रखें ख्याल

  • यदि आपने एबॉर्शन करवाया है, तो आपको कुछ दिनों तक रेस्ट करना चाहिए. अधिक शारीरिक मेहनत करने से बचें.
  • आयरन, कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन आदि से भरपूर चीजों का सेवन करें.
  • डॉक्टर की बताई गई बातों को फॉलो करें. दवाएं समय पर लें.
  • हेल्दी डाइट में अनाज, फल, सब्जियां, दूध, दही, जूस, दालें, फलियों का सेवन करें.
  • खुश रहने की कोशिश करें, अधिक स्ट्रेस, चिंता में ना रहें.
  • फॉलिक एसिड है जरूरी.
  • जंक फूड, स्ट्रीट फूड, डिब्बा बंद फूड्स, तेल-मसालेदार चीजों के सेवन से बचें.
  • अधिक चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, शुगरी ड्रिंक्स का सेवन ना करें.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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