आज का शब्द: जटिल और अनुराग अनंत की कविता- पानी का अनुवाद तब तक नहीं हो सकता, जब तक प्यास का अनुवाद न हो जाए


                
                                                                                 
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- जटिल, जिसका अर्थ है- जटाओं से युक्त, जटा वाला, जिसमें बहुत हेर-फेर या पेंच हो, दुरूह, दुर्बोध। प्रस्तुत है अनुराग अनंत की कविता- पानी का अनुवाद तब तक नहीं हो सकता, जब तक प्यास का अनुवाद न हो जाए
                                                                                                
                                                     
                            

पानी का अनुवाद करने पर उतारू बेसबरों से कोई कैसे कहे
पानी का अनुवाद तब तक नहीं हो सकता 
जब तक प्यास का अनुवाद न हो जाए 
आत्मा का अनुवाद असंभव है 
जैसे मौन का कोई अनुवाद नहीं हो सकता 

मेरे पिता एक जटिल वाक्य थे 
अपनी ही भाषा में रहे, अपनी ही भाषा में मर गए
मैं मेरे पिता को अपनी माँ की भाषा में लाना चाहता था 
फिर मैंने उन्हें अपनी भाषा में लाने की कोशिश की 
वे अपनी जटिलता के मारे एक जटिल वाक्य थे
किसी भी भाषा में जाते ही मर जाते थे
मैंने अपने पिता को अनुवाद कर करके मारा 
अनुवाद के दौरान बहुत कुछ मर जाता है 
बहुत कुछ मार देते हैं हम 
तुम जो अब अधेड़ हो रही हो 
कभी 16 साल की लड़की थी 
'हाथ से चाय का कप गिरा देने वाली ग़लती' सी लड़की 
तुमको नहीं, तुम्हारी उस उम्र और उससे भी अधिक उस ग़लती का अनुवाद करना चाहता था मैं 
स्मृति की भाषा में 
स्वप्न की ध्वनियों में उच्चारन चाहता था 
तुम्हारी उस उम्र को और तुम्हारी उस ग़लती को 
स्मृति में अनुवाद करते हुए मैंने पाया 
यह एक आदिम कला है जिसमें गुजरे हुए को सहेज लिया जाता है 
जैसे मिस्र में लोग मृतकों को सहेज लिया करते थे 
मैं बचपन की तितलियों और जवानी के कबूतरों को 
सहेजना चाहता हूँ
मुझे बुढ़ापे के लकड़बग्गों से बहुत डर लगता है
अपनी उलझनों का किस भाषा में अनुवाद करूँ 
कि तुम समझो, सब समझें 
वह पहाड़ और वह नदी भी 
जो मेरी आँखों में नहीं 
मेरे दिल में हैं 
अपने होने से ज़्यादा अपने न होने में हैं वे
कैसे करूँ अनुवाद उस कमीज़ का 

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21 minutes ago



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