सरकार देश में टोल प्लाजा को बदलने के लिए नई टेक्नोलॉजी (तकनीकों) पर विचार कर रही है और नई प्रणाली अगले छह महीनों में पेश की जाएगी। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी।
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए, गडकरी ने कहा कि टोल प्लाजा ने ट्रैफिक जाम और लंबी कतार जैसी कई समस्याएं पैदा की हैं, जिन्हें सरकार खत्म करना चाहती है।
वह 60 किमी के भीतर उसी दिशा में टोल प्लाजा, जो कानून के अनुसार नहीं है, के मुद्दे पर सदस्यों के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि सरकार अब दो विकल्प तलाश रही है- सैटेलाइट आधारित टोल सिस्टम जहां एक कार में जीपीएस होगा और टोल सीधे यात्री के बैंक खाते से काट लिया जाएगा और दूसरा विकल्प नंबर प्लेट के जरिए टोल का भुगतान है।
उन्होंने कहा, “हम सैटेलाइट का इस्तेमाल करते समय फास्टैग की जगह जीपीएस लगाने की प्रक्रिया में हैं और जिसके आधार पर हम टोल लेना चाहते हैं। नंबर प्लेट पर भी तकनीक उपलब्ध है और भारत में अच्छी तकनीक उपलब्ध है।”
मंत्री ने यह भी कहा, “हम तकनीक का चुनाव करेंगे। हालांकि हमने आधिकारिक फैसला नहीं किया है, लेकिन मेरे विचार में नंबर प्लेट टेक्नोलॉजी पर कोई टोल प्लाजा नहीं होगा और एक परिष्कृत कम्प्यूटरीकृत डिजिटल सिस्टम होगा जिसके द्वारा हम राहत दे सकते हैं। कोई कतार नहीं होगा और लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।”
लेकिन उसके लिए उन्होंने कहा, हमें संसद में एक बिल लाने की जरूरत है क्योंकि अगर कोई टोल नहीं दे रहा है तो उन्हें दंडित करने के लिए अभी तक कोई कानून उपलब्ध नहीं है।
गडकरी ने कहा कि वे टोल वसूली के लिए सबसे अच्छी तकनीक का चुनाव करने की प्रक्रिया में हैं और संसद में एक महत्वपूर्ण कानून भी लाएंगे।
टोल वसूली की नई व्यवस्था को कब लागू किया जाएगा, इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “छह महीने के भीतर, मैं इसे करने के लिए अपने स्तर पर पूरी कोशिश करूंगा क्योंकि यह समय की जरूरत है। यह देश के लोगों के लिए और यातायात की समस्या से छुटकारा पाने के लिए महत्वपूर्ण है।”
गडकरी ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी के साथ नंबर प्लेट पेश की गई हैं और निर्माता के लिए नई नंबर प्लेट होना अनिवार्य है और एक कम्प्यूटरीकृत सिस्टम होगा जिसके द्वारा कोई भी नए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके टोल एकत्र कर सकता है।
उन्होंने कहा कि टोल वाले राजमार्गों पर चलने वाली कार जिसते समय के लिए सड़क पर चलेगी उतने सटीक समय के लिए टोल देना होगा और सिर्फ इतना ही टोल खाते से घटाया जाएगा।