Vice President Election: विपक्ष और एनडीए उम्मीदवार को किन दलों का साथ मिला, आंकड़ों में कितने भारी हैं धनखड़?


राष्ट्रपति चुनाव के बाद अब सबकी निगाहें उपराष्ट्रपति चुनाव पर है। विपक्ष की तरफ से मार्गरेट अल्वा और भाजपा की अगुआई वाली एनडीए ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उम्मीदवार बनाया गया है। छह अगस्त को चुनाव होने हैं। उसी दिन परिणाम भी आ जाएगा। मतलब छह अगस्त को ही मालूम चल जाएगा कि जगदीप धनखड़ अगले उपराष्ट्रपति होंगे या मार्गरेट अल्वा? 

आइए जानते हैं कि अब तक दोनों प्रत्याशियों को किन-किन दलों का साथ मिला? समीकरण क्या कहते हैं? किस उम्मीदवार के पक्ष में कितने दल हैं? आइए जानते हैं…

 

जगदीप धनखड़ को किसने-किसने दिया समर्थन? 

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को भाजपा की अगुआई वाले एनडीए ने उम्मीदवार बनाया है। धनखड़ को अब तक भाजपा, जेडीयू, अपना दल (सोनेलाल), बीजेडी, एआईएडीएमके, वाईएसआर कांग्रेस, लोक जनशक्ति पार्टी, एनपीपी, एमएनएफ, एनडीपीपी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) जैसे दलों का समर्थन मिला है। 

 

अल्वा के पक्ष में कितने दल? 

विपक्ष से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को अब तक कांग्रेस, एनसीपी, वामपंथ, नेशनल कॉन्फ्रेंस, समाजवादी पार्टी, डीएमके, आरजेडी का समर्थन मिला हुआ है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी समेत कुछ अन्य दलों का भी साथ मिल सकता है। शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट ने भी अल्वा का समर्थन किया है। शिवसेना सांसद संजय राउत अल्वा की नामांकन प्रक्रिया में भी शामिल हुए थे। हालांकि, शिवसेना के ज्यादातर सदस्य एनडीए के उम्मीदवार जगदीप धनखड़ के साथ हैं। 

 

ममता ने विपक्ष को दिया बड़ा झटका

कांग्रेस की उम्मीदवार मारग्रेट अल्वा को राजद, राकांपा, शिवसेना, द्रमुक और माकपा जैसी पार्टियों ने समर्थन देने की बात कही है, लेकिन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने सबसे बड़ा झटका दे दिया है। टीएमसी ने चुनाव में तटस्थ रहने का ऐलान किया है। कहा जा रहा है कि ममता विपक्ष में रहते हुए भले ही धनखड़ का साथ नहीं दे रहीं हैं, लेकिन वोटिंग से खुद को अलग रखकर जरूर वह उनको फायदा पहुंचा रहीं हैं।  

 

आंकड़ों से जानिए कितने सदस्य वोट डालेंगे? 

उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य वोट डालते हैं। इनमें मनोनीत सांसद भी शामिल होते हैं। अभी लोकसभा में सदस्यों की संख्या पूरी है। मतलब पूरे 543 सांसद हैं। वहीं, राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं। इनमें 12 नामित सांसद रहते हैं। मौजूदा समय में आठ सीटें खाली हैं। इनमें चार जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग होने के कारण जबकि एक सीट त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बने माणिक साहा ने छोड़ी है। तीन अन्य नामित सदस्यों की सीट भी खाली है। सरकार उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले नामित सदस्यों के लिए खाली सीटें भर सकती है।  

इस लिहाज से उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राज्यसभा वोटर्स के आंकड़े सामने आते हैं। पहला ये कि मौजूदा स्थिति में चुनाव में 237 राज्यसभा सांसद वोट करेंगे। दूसरा यह कि 240 सदस्य वोट कर सकते हैं। 240 सदस्य तब वोट करेंगे जब नामित सदस्यों के तीन खाली पदों को भर दिया जाए। 

अब ओवरऑल वोटर्स के आंकड़ों पर नजर डालते हैं। अगर राज्यसभा के 240 सदस्य वोट डालते हैं तो ओवरऑल वोटर्स की संख्या 783 हो जाएगी, लेकिन अगर राज्यसभा के 237 वोटर्स होंगे तो ये आंकड़ा घटकर 780 हो जाएगा। 

 



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