क्‍या हो अगर कोई करदाता हर बार रिटर्न भर रहा पर इस साल नहीं भरा, जबकि उसकी आमदनी टैक्‍स के दायरे से बाहर है?


हाइलाइट्स

आयकर विभाग की साइट से फॉर्म एआईएस डाउनलोड कर टीडीएस की जानकारी ले सकते हैं.
आपकी इनकम टैक्‍स के दायरे से बाहर है तो सीधे तौर पर तो कोई नुकसान नहीं होगा.
आप होम लोन या पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं तो आईटीआर में चूक भारी पड़ेगी.

नई दिल्‍ली. लखनऊ के एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाने वाली डॉ. ममता शुक्‍ला साइकोलॉजी विभाग में कॉन्‍ट्रैक्‍ट पर नियुक्‍त हैं. कॉलेज की तरफ से उन्‍हें हर महीने तय वेतन तो मिलता है लेकिन रेगुलर एम्‍प्‍लॉयी न होने की वजह से उनका पीएफ नहीं कटता है.

कॉलेज की तरफ से मासिक वेतन 20 हजार रुपये से भी कम होने की वजह से उनकी आय टैक्‍स के दायरे में नहीं आती, लेकिन कॉपी चेक करने या एग्‍जाम के एवज में मिलने वाली रकम पर उनका टीडीएस काटा जाता है. लिहाजा उन्‍होंने हर साल अपना आयकर रिटर्न भरना जारी रखा. बीते वित्‍तवर्ष डॉ. ममता शुक्‍ला को अन्‍य स्रोत से कोई आय नहीं हुई तो उन्‍होंने अपना रिटर्न भी नहीं दाखिल किया. लेकिन अब उन्‍हें इस बात की चिंता सता रही कि आईटीआर भरने से चूकने पर कहीं उन्‍हें विभाग की ओर से नोटिस तो नहीं आ जाएगा.

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क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट
इस बारे में टैक्‍स और निवेश एक्‍सपर्ट बलवंत जैन से बात करने पर पता चला कि अगर आप रिटर्न भरते हैं तो इसमें किसी भी साल चूक नहीं करनी चाहिए. उन्‍होंने बताया कि अगर आपकी इनकम टैक्‍स के दायरे से बाहर है तो सीधे तौर पर तो कोई नुकसान नहीं होगा, क्‍योंकि विभाग उन्‍हीं करदाताओं को नोटिस भेजता है, जिनकी इनकम टैक्‍स के दायरे में आती है. हालांकि, इसके दूसरे नुकसान हो सकते हैं. अगर आप होम लोन या पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं तो आईटीआर भरने में चूक आप पर भारी पड़ सकती है.

क्‍या टीडीएस काटा जाता है
बलवंत जैन ने बताया कि अगर कोई शिक्षक कॉन्‍ट्रैक्‍ट या संविदा पर तैनात है तो उसे कॉलेज का एम्‍प्‍लॉयी नहीं माना जाता है. आयकर नियमों के तहत ऐसे कर्मचारी को कंसल्‍टेंट और उन्‍हें मिलने वाली सैलरी प्रोफेशनल फीस के दायरे में आती है. इस पर भी इनकम टैक्‍स का टीडीएस को लेकर सीधा नियम है कि अगर कॉलेज की ओर से सालाना 75 हजार रुपये से ज्‍यादा की प्रोफेशनल फीस दी जा रही, तो उस पर टीडीएस काटा जाना अनिवार्य है. लिहाजा अगर उस कर्मचारी का टीडीएस कर रहा तो आयकर रिटर्न भी जरूर भरा जाना चाहिए.

बलवंत जैन ने बताया कि अगर कर्मचारी को अपने टीडीएस के काटे जाने की जानकारी नहीं है तो आयकर विभाग की साइट से फॉर्म एआईएस डाउनलोड इसका विवरण प्राप्‍त कर सकता है.

अगर इनकम टैक्‍स के दायरे में हैं तो…
अब सवाल उठता है कि अगर कोई ऐसा कर्मचारी है जिसकी आय टैक्‍स के दायरे में यानी 2.50 लाख रुपये सालाना से अधिक है तो क्‍या होगा. बलवंत जैन बताते हैं कि ऐसे कर्मचारियों के लिए मुश्किल आ सकती है अगर आयकर विभाग ने नोटिस भेजा तो उन्‍हें जुर्माना भी देना पड़ सकता है. ऐसे कर्मचारियों के लिए बेहतर होगा कि वे 1,000 रुपये की लेट फीस भरकर अपना आईटीआर दाखिल कर दें. हालांकि, 5 लाख से कम आमदनी होने पर 12.5 हजार रुपये का रिबेट मिलता है, लेकिन इनकम टैक्‍स के दायरे में होने की वजह से आईटीआर भरना जरूरी है.

Tags: Business news in hindi, Income tax return, ITR, ITR filing

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