YOGA SESSION: शरीर को शक्तिशाली बनाने के लिए रोज करें सूर्य नमस्‍कार, ये है अभ्‍यास का तरीका


Yoga Session With Savita Yadav : सूर्य नमस्‍कार एक ऐसा योगाभ्‍यास है, जिससे शरीर संवर्धन होता है और आपका पूरा शरीर शक्तिशाली बनता है. इसके अभ्‍यास से कमर, कंधे, पैर, हाथ, गर्दन, फेफड़े आदि सभी अंगों का व्‍यायाम होता है और वे मजबूत होते हैं. ऐसे में आप रोज सूर्य नमस्‍कार के कम से कम 10 से 12 चक्र ज़रूर करें. सूर्य नमस्‍कार बच्‍चों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. अगर आपके घर में 8 साल से अधिक उम्र के बच्‍चे हैं, तो उन्‍हें भी सूर्य नमस्‍कार का अभ्‍यास कराएं. इसके अभ्‍यास से बच्‍चों के संपूर्ण विकास में काफी मदद मिलती है. इस तरह अगर आप सेहतमंद रहना चाहते हैं, तो अपने लाइफ स्‍टाइल में सूर्य नमस्‍कार के अलावा कुछ और बातों को भी ध्‍यान में रखना ज़रूरी है. बेहतर खाएं, एक्टिव रहें और आराम भी करें. इन तीनों में कमी से तनाव, अशांति आदि की समस्‍या रहती है. आज न्यूज़18 हिंदी के फेसबुक लाइव सेशन में योग प्रशिक्षिका सविता यादव (Savita Yadav) ने सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) का अभ्‍यास कराया और अभ्‍यास के दौरान सेहत से जुड़ी कई ज़रूरी बातों की जानकारी भी दी.

इस तरह करें शुरुआत
मैट पर कमर और गर्दन को सीधी रखें और ध्‍यान की मुद्रा में बैठें. आंखें बंद करके गहरी सांस लें और बेहतर तरीके से इन्‍हेल और एक्‍जेल करें. अब ‘ओम’ का उच्‍चारण और प्रार्थना करें.

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ताड़ासन
अब अपने अपने मैट पर खड़े हो जाएं और हाथों को इंटरलॉक करते हुए ऊपर की तरफ खींचें. पेट और छाती को अंदर की तरफ करते हुए 20 तक की गिनती करें. इससे पूरे शरीर की स्‍ट्रेचिंग होगी और कब्‍ज की समस्‍या भी दूर होती है.

वार्मअप करें
-अपने अपने मैट पर खड़े हो जाएं. पैरों को मजबूत बनाने के लिए पहले एड़ी को उठाएं और फिर पंजे को उठाएं. यह 30 चक्र तक करें. अब कुछ देर पंजों के बल चलें और एड़ी से पीछे की तरफ चलें.

-अब कदम ताल करें और अच्‍छी तरह से सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें. जब थक जाएं, तो खड़े होकर गहरी सांस लें और निकालें.

-बॉडी को स्‍ट्रेच करने के लिए अब ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं और दाहिने और बाईं ओर बेंड करें. ऐसा 20 चक्र करें. विस्‍तार से देखने के लिए आप इस वीडियो पर क्लिक करें.

सूर्य नमस्‍कार करने का तरीका
सूर्य नमस्‍कार के कई फायदे हैं, लेकिन अगर आप किसी तरह की शारीरिक समस्‍या से जूझ रहे हैं या कोविड से रिकवर कर रहे हैं, तो बिना डॉक्‍टर की सलाह के ना करें. आपको बता दें कि सूर्य नमस्‍कार की मदद से आप बढ़े वजन को कम भी कर सकते हैं और बढ़ा भी सकते हैं.

प्रणामासन (Pranamasana)
अपने मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को प्रणाम की मुद्रा में रखें. प्रणाम की मुद्रा में उगते सूर्य का ध्‍यान करें और प्रार्थना करें.

हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)
गहरी सांस भरें और अपने दोनों हाथों को कान से सटाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं और अब अपने हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की तरफ हल्‍का झुकें. कमर में दर्द है तो 90 डिग्री पर झुकें.

पादहस्तासन (Padahastasana)
धीरे-धीरे सांस छोड़ें और आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस मुद्रा में आपका सिर घुटनों से मिलना चाहिए.

अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)
सांस भरे हुए दाहिने पैर पीछे की ओर ले जाएं और इस बात का ध्‍यान रखें कि इस मुद्रा में पैर का घुटना जमीन से छूना है. इस दौरान दूसरे पैर को मोड़ें. अपनी हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और सिर को उपर रखकर सामने की ओर देखें.

दंडासन (Dandasana)
सांस छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा एक लाइन में रखें. इसके बाद पुश-अप करने की अवस्था में आ जाएं.

अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara)
सांस लेते हुए अपनी हथेलियों, चेस्ट, घुटनों और पैरों को जमीन से सटाएं. अब इस अवस्था में कुछ क्षण रहें.

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भुजंगासन (Bhujangasana)
अब सांस छोड़ते हुए इस अभ्यास के लिए अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें और नाभी तक शरीर के आगे के हिस्‍से को उठाएं और पेट को जमीन से सटाकर रखें, गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं.

पर्वतासन अथवा अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana)                                                                
अधोमुख शवासन के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें. अब कूल्हे को ऊपर की ओर उठा लें. अपने कंधों को सीधा रखें और मुंह को अंदर की तरफ रखें. इसके बाद अश्व संचालनासन, पादहस्तासन, हस्तउत्तनासन और प्रणामासन करें. इन बात का ध्‍यान रखें कि सूर्य नमस्‍कार हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार ही करें. इस दौरान श्वास-प्रश्वास और व्यायाम से जुड़े विशेष नियमों का जरूर पालन करें. हमेशा धीमी गति से अभ्‍यास की शुरुआत करें और धीरे-धीरे गति बढ़ाएं.

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