Agnipath Scheme: अग्निपथ पर कौन बनेगा ‘माफीवीर’, क्या अग्निवीरों के मुद्दे पर मोदी-शाह को घेरने में कामयाब होगी ये तिकड़ी?


ख़बर सुनें

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने सेना भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है। राहुल गांधी ने शनिवार को अपने ट्वीट में कहा, मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे। ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी। ‘अग्निपथ’ को वापस लेना ही पड़ेगा। कांग्रेस की इस तिकड़ी ने सेना भर्ती के मामले में ‘मोदी-शाह’ को घेरने की रणनीति बनाई है। सोनिया गांधी ने अपने संदेश में कहा, ‘अग्निपथ’ योजना पूरी तरह से दिशाहीन है। कई पूर्व सैनिक व रक्षा विशेषज्ञों ने भी इस योजना पर सवाल उठाए हैं।

सोनिया गांधी ने की युवाओं से अपील

प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि केंद्र सरकार को सेना में भर्ती के लिए तैयारी करने वाले युवाओं के दर्द को समझना होगा। सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं है और वे एक अस्पताल में अपना इलाज करा रही हैं। उन्होंने पार्टी के मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश द्वारा, युवाओं के लिए अपना संदेश भिजवाया है। सोनिया गांधी ने कहा, आप भारतीय सेना में भर्ती होकर देशसेवा का महत्वपूर्ण कार्य करने की अभिलाषा रखते हैं। सेना में लाखों खाली पद होने के बावजूद पिछले तीन साल से भर्ती न होने का दर्द मैं समझ सकती हूं। एयरफोर्स में भर्ती की परीक्षा देकर रिजल्ट और नियुक्ति का इंतजार कर रहे युवाओं के साथ भी मेरी पूरी सहानुभूति है। मुझे दुख है कि सरकार ने आपकी आवाज को दरकिनार करते हुए ‘नई सेना भर्ती योजना’ की घोषणा की है। ये योजना पूरी तरह से दिशाहीन है। सोनिया गांधी ने कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, युवाओं के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। पार्टी एक सच्चे देशभक्त की तरह सत्य, अहिंसा, संयम व शांति के मार्ग पर चलकर सरकार के सामने युवाओं की आवाज उठाएगी।

प्रियंका गांधी ने 29 मार्च को रक्षा मंत्री को लिखा था पत्र

राहुल गांधी भी इस योजना की घोषणा के समय से ही केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, आठ वर्षों से लगातार भाजपा सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का अपमान किया है। मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे। ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी। ‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेना ही होगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, सेना भर्ती की तैयारी करने वाले ग्रामीण युवाओं का दर्द समझिए। तीन साल से भर्ती नहीं आई। दौड़-दौड़ के युवाओं के पैरों में छाले पड़ गए हैं। वे निराश-हताश हैं। युवा एयरफोर्स भर्ती के रिजल्ट और नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने उनकी स्थाई भर्ती, रैंक, पेंशन, रुकी भर्ती, सब छीन लिया है। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में एक पुरानी चिट्ठी साझा की है, जिसे उन्होंने 29 मार्च 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम लिखा था। उस वक्त उन्होंने सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं की मांगों पर ध्यान देकर तुरंत उसका हल निकालने का निवेदन किया था।

चिदंबरम बोले- युवा अपनाएं महात्मा गांधी का रास्ता

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, सरकार द्वारा घोषित ‘अग्निपथ योजना’ के लिए टुकड़ों में रियायतें हमारी इस बात को साबित करती हैं कि इस योजना की गलत सोच और खराब तरीके से कल्पना की गई थी। अग्निपथ का विरोध करने वाले युवाओं का गुस्सा समझा जा सकता है। मैं उनसे हिंसा और संपत्ति के विनाश से बचने की अपील करूंगा। उन्हें महात्मा गांधी का रास्ता अपनाना चाहिए और वे सफल होंगे। अग्निपथ योजना विवादास्पद है, इसमें कई जोखिम हैं। ये योजना सशस्त्र बलों की लंबे समय से चली आ रही परंपराओं और लोकाचार को नष्ट करती है। यह गारंटी नहीं है कि इस योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिक बेहतर प्रशिक्षित और देश की रक्षा के लिए प्रेरित होंगे। रिटायर्ड रक्षा अधिकारियों ने सर्वसम्मति से इस योजना का विरोध किया है।

विस्तार

कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने सेना भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोल दिया है। राहुल गांधी ने शनिवार को अपने ट्वीट में कहा, मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे। ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी। ‘अग्निपथ’ को वापस लेना ही पड़ेगा। कांग्रेस की इस तिकड़ी ने सेना भर्ती के मामले में ‘मोदी-शाह’ को घेरने की रणनीति बनाई है। सोनिया गांधी ने अपने संदेश में कहा, ‘अग्निपथ’ योजना पूरी तरह से दिशाहीन है। कई पूर्व सैनिक व रक्षा विशेषज्ञों ने भी इस योजना पर सवाल उठाए हैं।

सोनिया गांधी ने की युवाओं से अपील

प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि केंद्र सरकार को सेना में भर्ती के लिए तैयारी करने वाले युवाओं के दर्द को समझना होगा। सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं है और वे एक अस्पताल में अपना इलाज करा रही हैं। उन्होंने पार्टी के मीडिया इंचार्ज जयराम रमेश द्वारा, युवाओं के लिए अपना संदेश भिजवाया है। सोनिया गांधी ने कहा, आप भारतीय सेना में भर्ती होकर देशसेवा का महत्वपूर्ण कार्य करने की अभिलाषा रखते हैं। सेना में लाखों खाली पद होने के बावजूद पिछले तीन साल से भर्ती न होने का दर्द मैं समझ सकती हूं। एयरफोर्स में भर्ती की परीक्षा देकर रिजल्ट और नियुक्ति का इंतजार कर रहे युवाओं के साथ भी मेरी पूरी सहानुभूति है। मुझे दुख है कि सरकार ने आपकी आवाज को दरकिनार करते हुए ‘नई सेना भर्ती योजना’ की घोषणा की है। ये योजना पूरी तरह से दिशाहीन है। सोनिया गांधी ने कहा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, युवाओं के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। पार्टी एक सच्चे देशभक्त की तरह सत्य, अहिंसा, संयम व शांति के मार्ग पर चलकर सरकार के सामने युवाओं की आवाज उठाएगी।

प्रियंका गांधी ने 29 मार्च को रक्षा मंत्री को लिखा था पत्र

राहुल गांधी भी इस योजना की घोषणा के समय से ही केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, आठ वर्षों से लगातार भाजपा सरकार ने ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का अपमान किया है। मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे। ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी। ‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेना ही होगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, सेना भर्ती की तैयारी करने वाले ग्रामीण युवाओं का दर्द समझिए। तीन साल से भर्ती नहीं आई। दौड़-दौड़ के युवाओं के पैरों में छाले पड़ गए हैं। वे निराश-हताश हैं। युवा एयरफोर्स भर्ती के रिजल्ट और नियुक्ति का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने उनकी स्थाई भर्ती, रैंक, पेंशन, रुकी भर्ती, सब छीन लिया है। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में एक पुरानी चिट्ठी साझा की है, जिसे उन्होंने 29 मार्च 2022 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम लिखा था। उस वक्त उन्होंने सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं की मांगों पर ध्यान देकर तुरंत उसका हल निकालने का निवेदन किया था।

चिदंबरम बोले- युवा अपनाएं महात्मा गांधी का रास्ता

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, सरकार द्वारा घोषित ‘अग्निपथ योजना’ के लिए टुकड़ों में रियायतें हमारी इस बात को साबित करती हैं कि इस योजना की गलत सोच और खराब तरीके से कल्पना की गई थी। अग्निपथ का विरोध करने वाले युवाओं का गुस्सा समझा जा सकता है। मैं उनसे हिंसा और संपत्ति के विनाश से बचने की अपील करूंगा। उन्हें महात्मा गांधी का रास्ता अपनाना चाहिए और वे सफल होंगे। अग्निपथ योजना विवादास्पद है, इसमें कई जोखिम हैं। ये योजना सशस्त्र बलों की लंबे समय से चली आ रही परंपराओं और लोकाचार को नष्ट करती है। यह गारंटी नहीं है कि इस योजना के तहत भर्ती किए गए सैनिक बेहतर प्रशिक्षित और देश की रक्षा के लिए प्रेरित होंगे। रिटायर्ड रक्षा अधिकारियों ने सर्वसम्मति से इस योजना का विरोध किया है।



Source link

Enable Notifications OK No thanks