बॉडी के लिए क्यों जरूरी है स्ट्रेचिंग करना? जानिए 5 अहम कारण


Streching: अगर आप कहीं फिटनेस ट्रेनिंग या खेलने की कोचिंग के लिए जाते हैं. तो आपने देखा होगा कि अक्सर आपके फिटनेस कोच हमेशा एक्सरसाइज या वर्कआउट शुरू करने से पहले और बाद में आपको स्ट्रेचिंग करने के लिए कहते हैं. यहां तक कि अगर आप जिम नहीं भी जाते हैं, तो भी आपके लिए जरूरी है कि आप स्ट्रेचिंग को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बना लें. जानकारों के अनुसार, स्ट्रेचिंग करते समय बॉडी के निछले छोरों ध्यान देना चाहिए. जैसे, काफ (पिंडली), हैमस्ट्रिंग, पेल्विस में हिप फ्लेक्सर और जांघ के सामने क्वाड्रिसेप्स. ये सभी बॉडी पार्ट्स आपके चलने फिर, जैसे हर एक्टिविटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इनके अलावा कंधे, गर्दन और पीठ के निचले हिस्से को स्ट्रेच करना भी फायदेमंद होता है.

एक्सपर्ट बताते डेली या सप्ताह कम से कम तीन या चार बार स्ट्रेचिंग करने का सुझाव देते हैं. स्ट्रेचिंग न केवल आपको चलने-फिरने के लिए तैयार होने में हेल्प करती है, बल्कि पीठ में दर्द और दिन भर के तनाव को भी कम कर सकती है और यहां तक ​​कि ये आपकी नींद में भी सुधार कर सकता है. आइए नजर डालते हैं उन 5 कारणों पर, जो बताते हैं कि स्ट्रेचिंग क्यों जरूरी है.

एनर्जी लेवल को बढ़ती है
यदि आप अपनी सुबह की शुरुआत कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के साथ करते हैं, तो इससे आपको पूरे दिन एनर्जी और प्रोडक्टिविटी को बढ़ाने में मदद मिलेगी. कुछ मिनट की स्ट्रेचिंग, जिसमें किसी खेल या एक्टिविटी की नकल की हरकतें शामिल हैं, आपके ब्रेन को बढ़ावा दे सकती हैं, ब्लड फ्लो को बढ़ा सकती हैं, और दोपहर के मध्य की सुस्ती को दूर करने में आपकी मदद कर सकती हैं.

गति में सुधार
स्ट्रेचिंग से लोगों को मोशन यानी गति की एक बड़ी रेंज मिलती है, ये आपको अपने कंधे के ब्लेड को खींचने (स्ट्रेच करने) और टॉप शेल्फ पर उस आइटम तक पहुंचने में मदद करती है. स्ट्रेचिंग उस लचीलेपन को बनाए रखने में मदद करती है जो बढ़ती उम्र में कहीं गायब हो जाती है. इसके साथ ही ये जोड़ों की अकड़न और दर्द को रोकने या हराने में आपकी मदद करता है.

यह भी पढ़ें-
दुबले-पतले हैं तो वजन बढ़ाने के लिए रोज पिएं ये 5 फ्रूट ड्रिंक्स, सेहत से जुड़ी कई समस्‍याएं भी रहेंगी दूर

पूरी हेल्थ को फायदा
एक सिंपल स्ट्रेचिंग ब्लड सर्कुलेशन, शरीर में ब्लड वेसल्स की हेल्थ में सुधार कर सकती है और हार्ट डिजीज के रिस्क को भी कम कर सकती है. चाहे आप ऑफिस जा रहे हों या वर्क फ्रॉम होम कर रहे हों – डेस्क पर घंटों बैठे रहना आपकी गर्दन और अन्य ज्वाइंट्स के लिए खराब हैं. ऑफिस वर्कर्स के लिए  स्ट्रेचिंग काम और क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार करने में मदद करती है और पुराने मध्यम से गंभीर गर्दन या कंधे के दर्द को दूर रखती है.

बेहतर बैलेंस
यदि आप वृक्षासन जैसी योग मुद्राएं आसानी से करना चाहते हैं, तो आपको अपने शरीर के बैलेंस में सुधार करना होगा, जो स्ट्रेचिंग से आता है. स्ट्रेचिंग में न केवल मांसपेशियां, बल्कि जोड़ (Joints) भी शामिल होते हैं. ये बैलेंस बनाए रखने में मदद करती है.

यह भी पढ़ें-
मलेरिया होने पर मरीज को क्या खिलाएं और क्या नहीं, पढ़ें यहां

नींद
यदि आपकी मसल्स में खिंचाव होता है, तो स्ट्रेचिंग उन्हें कैलोरी बर्न करने और उस लाभ को महसूस करने में मदद करती है. इसमें कोई शक नहीं कि स्ट्रेचिंग से नींद आसानी से आती है. ये रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम (restless legs syndrome) के दर्द से भी राहत देती है या कम करता है और इसी तरह की बीमारियों के कारण आपको रात में नींद नहीं आती है.

Tags: Health, Lifestyle

image Source

Enable Notifications OK No thanks