शाम कौशल ने सुनाई कहानी, मुश्किल हालात में गुजरे थे पुराने दिन, नौकरी को लात मारकर की बॉलिवुड में एंट्री


विक्की कौशल (Vicky Kaushal) के पापा शाम कौशल (Sham Kaushal) कई बड़ी फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। शाम कौशल ऐक्टर नहीं बल्कि स्टंटमैन और ऐक्शन डायरेक्टर के रूप में फेमस रहे हैं। शाहरुख खान, रितिक रौशन, जैकी श्रॉफ, वरुण धवन, रणवीर सिंह जैसे कई बड़े स्टार्स के लिए स्टंट सीन कर चुके शाम कौशल को भी इंडस्ट्री में पैर जमाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। अपना यह किस्सा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में सुनाया है।

अपने करियर के शुरुआत की यह पूरी कहानी ‘मिस मालिनी’ से हुई बातचीत में शाम कौशल ने सुनाई है। इस इंटरव्यू में शाम कौशल कहते नजर आ रहे हैं, ‘मैं डेस्टिनी में बिलीव करता हूं। मुझे सुबह ये नहीं मालूम था कि दोपहर में मेरी मुंबई की ट्रेन बुक हो जाएगी। मेरा एक दोस्त है जिसने साथ में ग्रैजुएशन किया था, मैं गांव में रहकर मास्टर्स किया। मास्टर्स करने के एक साल बाद तक भी मुझे जॉब नहीं मिल रही थी। जब वो आए तो मैं उसे मिलने गया। हम रेलवे स्टेशन के पास ही बैठकर बातें कर रहे थे, मैं उन्हें बता रहा था कि जॉब नहीं मिल रही। घर के हालात भी ठीक नहीं हैं। मेरे मन में मुंबई जाने की कोई बात नहीं थी, मैं बस उनके सामने अपनी हालात पर रो रहा था। वह इमशोनल हो गया कि चलो मैं हफ्ते भर बाद मुंबई जा रहा हूं मेरे साथ चल लो। तभी एक टिकट 68 रुपये की थी, हमने दो टिकट बुक कराई। फिर मैंने शाम को बताया कि मैं मुंबई जा रहा हूं। मेरे पिताजी ने गांव के किसी दूसरे आदमी से 3 हजार रुपये लोन लेकर भेजा। मेरी सोच ये था कि जब तक मैं ये पैसे वापस नहीं करता हूं मैं वापस लौटकर नहीं जाऊंगा।’


बॉलिवुड तक पहुंचने का अपना किस्सा सुनाते हुए विक्की कौशल ने कहा, ‘मुंबई उतरकर मैं अपने दोस्त के साथ मुलुंड के चॉल में रहने गया। 20 दिन बाद में मुझे चेंबूर में सेल्स में एक नौकरी मिल गई और 350 रुपये सैलरी थी। इसी पैसे में आना-जाना सब करता था। कुछ दिन बाद पैसों की कमी के कारण कमरा छोड़ना पड़ा तो जिस ऑफिस में काम करता था उसी में रहता था। एक साल तक मैं ये जॉब करता रहा और फिर मैंने अपने पिताजी को वो पैसे लौटाए थे। फिर मैं गांव गया और वहां से लौटने के बाद मैंने सोच लिया कि अब मैं नौकरी नहीं करूंगा और ैमंने रिजाइन कर दिया। फिर 3-4 महीने बहुत मुश्किल में गुजरे।’

उन्होंने आगे कहा, ‘फिर मैं सांताक्रूज़ में रहने लगा, वहां अनुपम खेर जी रहते थे और वहां पंजाबी लड़के रहते थे जो स्टंट में काम करते थे। वे लड़के मुझे स्टंट में ले आए कि जब तक कोई काम नहीं मिलता है तब मैं ये कर लूं। फिर मैंने दोस्तों से 100-200 लेकर मेंबरशिप ले लिया और स्टंटमैन बन गया। मैं स्टंटमैन बना जब मेरी उम्र साढ़े 24 साल के करीब थी। एक स्टेज ऐसी आ गई थी कि मेरे पास रहने की भी जगह नहीं थी। ये करने के अलावा मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था।’

उन्होंने बताया कि उन्हें वीरू देवगन जी ने बुलाया था और उन्होंने उनके फॉर्म पर साइन किए थे। पहले एक साल तक उनके पास स्पॉटबॉय की ही तरह था। जैकी श्रॉफ ने फिल्म हीरो साइन की थी तो वह भी स्टंट सीकने आते थे और कई बार मुझे सांताक्रूज़ में छोड़ते जाते थे।

उन्होंने बताया, ’90 के दशक में मुझे ब्रेक मिली एक ऐक्शन डायरेक्टर के तौर पर। मैंने पूरी बॉडी को आग लगाकर बॉडी फायर किया हूं, कोई डर नाम की चीज नहीं थी। कितनी बार सिर के बल गिर जाता था। एक बार मैं गिरा था तो मेरी याद्दाश्त ही चली गई थी, मुझे 2-3 घंटे तक याद ही नहीं कि मैं कौन हूं, क्या हूं।’ इसके बाद उन्होंने पूरे करियर की कहानी सुनाई कि कैसे-कैसे उन्हें काम मिलता गया और वह स्टंट डायरेक्टर तक पहुंच गए।



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