ज्यादा भूख लगने पर आप भी हो जाते हैं गुस्सा? हालिया स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा


खाना हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी होता है. हर दिन सही मात्रा और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेने से लोग फिट और तंदुरुस्त रह सकते हैं. जरा सोचिए कि अगर आपको कई घंटों तक खाना न मिले, तो आपका रिएक्शन क्या होगा? सुनने में यह सब नॉर्मल लग रहा है, लेकिन खाना न मिलने पर आप गुस्सा और इर्रिटेट हो जाएंगे. आपकी भूख गुस्से में बदल जाएगी. ये बातें एक हालिया स्टडी में सामने आई हैं. स्टडी में कहा गया है कि ज्यादा भूख लगने पर आप ‘हैंग्री’ (Hangry) हो सकते हैं. ‘हैंग्री’ शब्द हंगर और एंगर से मिलकर बना है.

क्या कहती है स्टडी?

जर्नल्स डॉट प्लॉस की रिपोर्ट के मुताबिक भूख और गुस्से के कनेक्शन को लेकर यह स्टडी ब्रिटेन की एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी (ARU) और ऑस्ट्रिया की कार्ल लैंडस्टीनर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के रिसर्चर्स ने की है. शोधकर्ताओं की टीम ने स्टडी में पाया कि गुस्सा और चिड़चिड़ापन जैसी भावनाएं भूख से जुड़ी हुई हैं. इस स्टडी का उद्देश्य यह पता करना था कि भूख लोगों की भावनाओं को दिन-प्रतिदिन के स्तर पर कैसे प्रभावित करती है. इस स्टडी में सेंट्रल यूरोप के 64 वयस्क प्रतिभागियों ने भाग लिया था. शोधकर्ताओं ने 21 दिनों की अवधि में भूख के स्तर और भावनात्मक बदलावों को रिकॉर्ड किया था.

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यह निकला स्टडी का निष्कर्ष?

स्टडी में शामिल लोगों ने दिन में पांच बार स्मार्टफोन ऐप पर अपनी भावनाओं और भूख के स्तर की सूचना दी. इसने डेटा संग्रह को प्रतिभागियों के रोज़मर्रा के वातावरण जैसे कि उनके कार्यस्थल और घर पर रहने की छूट दी. अध्ययन में पाया गया कि भूख गुस्सा और चिड़चिड़ापन की मजबूत भावनाओं से जुड़ी है. हालांकि भूख लगने पर प्रतिभागियों द्वारा महसूस की कई खुशी काफी कम थी. शोधकर्ताओं ने उम्र, लिंग, बॉडी मास इंडेक्स, आहार व्यवहार और व्यक्तिगत व्यक्तित्व लक्षणों जैसे फैक्टर्स के आधार पर स्टडी का निष्कर्ष निकाला.

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यह बोले रिसर्चर्स

एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी द्वारा जारी एक बयान में स्टडी के प्रमुख लेखक वीरेन स्वामी ने कहा कि बहुत से लोग जानते हैं कि भूखा रहना किसी की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से बहुत कम वैज्ञानिक शोधों ने ‘हैंगरी’ होने पर ध्यान केंद्रित किया है. उन्होंने कहा कि नया अध्ययन किसी प्रयोगशाला के बाहर ‘हैंगरी’ होने की जांच करने वाला पहला अध्ययन है. शोधकर्ताओं ने अपने दैनिक जीवन में लोगों का अनुसरण किया, और पाया कि भूख क्रोध, चिड़चिड़ापन और आनंद के स्तर से संबंधित थी. फील्ड वर्क करने वाले कार्ल लैंडस्टीनर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के एक शोधकर्ता स्टीफन स्टीगर ने कहा कि इस ‘हैंग्री’ प्रभाव का विस्तार से विश्लेषण नहीं किया गया है. इसलिए टीम ने एक क्षेत्र-आधारित दृष्टिकोण चुना जहां प्रतिभागियों को एक ऐप पर संक्षिप्त सर्वेक्षण पूरा करने के लिए आमंत्रित किया गया था.

Tags: Health, Hunger, Lifestyle

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