अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022: ये 4 प्राणायाम आपके तन मन को स्वस्थ रखने में कर सकते हैं मदद


International Yoga Day 2022: योग आपको शारीरिक और मानसिक तौर स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है. योग करने वाला व्यक्ति योग न करने वाले व्यक्ति की अपेक्षा ज्यादा स्वस्थ और खुश रहता है. इसी वजह से योग के महत्त्व को समझाने के लिए हर साल 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाता है. वैसे तो योग में शीर्षासन, काकासन, हलासन, गरुड़ासन और वशिष्ठासन जैसे कई कठिन आसन हैं, लेकिन अगर आप चाहें तो स्वस्थ रहने के लिए सबसे आसान और सबसे प्रभावी 4 प्राणायाम की मदद ले सकते हैं.

इन चारों प्राणायाम के बारे में लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की ऑर्थोपेडिक सर्जरी डिपार्टमेंट की क्लिनिकल योग इंस्ट्रक्टर डॉ. वंदना अवस्थी ने बताया कि योगासनों में वैसे तो कई तरह के प्राणायाम शामिल हैं, लेकिन ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के लिए आयुष मंत्रालय की ओर से जो प्रोटोकॉल बनाया गया है, उनमें 32 आसान, 4 प्राणायाम और सूक्ष्म क्रिया का पैकेज शामिल है. उन्होंने बताया कि पैकेज में जो प्राणायाम शामिल किए गए हैं, उनमें कपालभाति, शीतली, भ्रामरी और अनुलोम-विलोम प्राणायाम शामिल हैं. इन पर अगर व्यक्ति फोकस करे, तो स्वस्थ और खुश रहने में काफी मदद मिलती है.

कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम से बॉडी की इंटरनल मसाज होती है, साथ ही ये दिमाग को तनावमुक्त करने में मदद करता है. फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और इनको मजबूती देता है. कपालभाति करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं. लेकिन ये प्राणायाम उन लोगों को नहीं करना चाहिए जिनको हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत रहती है. इस प्राणायाम में गहरी सांस लेनी और छोड़नी होती है लेकिन इस क्रिया को फ़ोर्स फुली नहीं करना होता है.

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शीतली प्राणायाम
इसे कूलिंग ब्रीथ के नाम से भी जाना जाता है. योग करने वाले लोग इस प्राणायाम की प्रैक्टिस सबसे ज्यादा गर्मी के दिनों में करते हैं. ये आसान फ्रेश ब्रीथ लेने की तकनीक होती है जिसकी वजह से इसको कूलिंग ब्रीथ कहा जाता है. ये प्राणायाम हाई बीपी को कंट्रोल करता है. इसको करने के लिए जीभ को गोल आकार में मोड़कर बाहर की ओर रखते हैं और मुंह से सांस लेते हैं.

भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम के जरिये सांस लेने की गतिविधि का अभ्यास मधुमक्खी की तरह आवाज निकालकर करना होता है. भ्रामरी प्राणायाम मन को शांत रखने, एकाग्रता को बढ़ाने और चिंता व क्रोध जैसी दिक्कतों को कम करने में मदद करता है. ये प्राणायाम फेस की मसल्स को भी इम्प्रूव करता है और फेस पर ग्लो बढ़ाता है. इसको करने के लिए दोनों हांथों के अंगूठों से कानों को बंद करना होता है और पहली दो उंगली को आंखों की पलकों पर, रिंग फिंगर को नाक के पास और सबसे लास्ट उंगली को मुंह के पास रख कर भंवरे की आवाज को निकालना होता है.

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अनुलोम-विलोम
ये प्राणायाम काफी इफेक्टिव और आसान है. इसे करने के लिए नाक के एक नोजल से धीरे-धीरे सांस लेनी होती है और दूसरे से छोड़नी होती है. इस दौरान दूसरे नोजल को उंगली से हल्का सा दबाकर बंद रखना होता है. इस प्राणायाम को करने से ब्रेन अच्छे से काम करता है. एजिंग, पिगमेंटेशन और रिंकल्स जैसी दिक्कत दूर होती हैं. साथ ही ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है.

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