YOGA SESSION: फुल बॉडी वर्कआउट के लिए इस तरह करें सूर्य नमस्कार, अभ्‍यास के दौरान बरतें ये सावधानियां


हाइलाइट्स

सूर्य नमस्‍कार में 12 चक्र होते हैं.
10 साल की उम्र से लेकर सभी उम्र के लोग इसका अभ्‍यास कर सकते हैं.

Yoga Session With Savita Yadav: सूर्य नमस्‍कार करते वक्‍त कुछ ज़रूरी बातों को ध्‍यान में रखना चाहिए. अगर आपके कमर में दर्द है, तो आगे झुकने वाले आसन ना करें और जिनको हर्निया जैसी पेट से जुड़ी समस्‍या है, उन्‍हें पीछे झुकने वाले आसन करने से बचना चाहिए. जिन लोगों को गर्दन में समस्‍या है वे पीछे टॉवल की मदद से आसन करें और जहां तक हो सके मोटे योगा मैट का इस्‍तेमाल करें. इसके अलावा, जिन लोगों को सेहत से जुड़ी अन्‍य समस्‍याएं हैं, वे डॉक्‍टर की सलाह लेने के बाद ही इसे करें. आइए जानते हैं कि सूर्य नमस्‍कार का अभ्‍यास किस तरह करना है.

सूर्य नमस्‍कार के अभ्यास को शुरू करने से पहले बॉडी को वार्मअप करना बहुत ज़रूरी है, इसलिए पहले कुछ सूक्ष्म व्यायाम करने की सलाह दी जाती है. सूर्य नमस्‍कार में 12 चक्र होते हैं, जो 24 स्‍टेप्‍स में पूरा होता है. इसे आप अपनी क्षमता के अनुसार करें और अभ्‍यास की मदद से बढ़ाते जाएंगे. आज योग प्रशिक्षिका सविता यादव ने न्यूज़18 के लाइव योगा सेशन में विस्‍तार से सूर्य नमस्‍कार का अभ्‍यास कराया और तमाम जानकारियां साझा की.

सूर्य नमस्‍कार इस तरह करें

प्रणामासन (Pranamasana)
योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों को पैरों को मिला लें. इस दौरान अपनी कमर सीधी रखें. अब हाथों को अपने सीने के पास लाएं और प्रणाम की मुद्रा बनाएं. गहरी सांस लें.

हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)
प्रणामासन की मुद्रा के बाद अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं और हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की तरफ ले जाएं और अपनी कमर को पीछे की तरफ झुकें. विस्‍तार से देखने के लिए आप इस विडियो को देख सकते हैं.

 

पादहस्तासन (Padahastasana)
धीरे-धीरे सांस छोड़ें और अब आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस मुद्रा में आपका सिर घुटनों से मिल होगा.

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 अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)
अब दाहिने पैर पीछे की ओर ले जाएं और घुटना जमीन पर रखें. इस दौरान दूसरे पैर को मोड़ें. अपनी हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर सिर रखकर सामने की ओर देखें.

दंडासन (Dandasana)
अपने दोनों हाथों और पैरों को सीधा और एक ही लाइन में रखें. इसके बाद पुश-अप करने की अवस्था में आ जाएं.

अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara)
अपनी हथेलियों, चेस्ट, घुटनों और पैरों को जमीन से सटाएं. अब इस अवस्था में रहें.

भुजंगासन (Bhujangasana)
भुजंगासन के अभ्यास के लिए अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें और पेट को जमीन से सटाते हुए गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं.

अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana)
इसे पर्वतासन भी कहा जाता है. इसे करने के लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें. अब कूल्हे को ऊपर की ओर उठा लें. अपने कंधों को सीधा रखें और मुंह को अंदर की तरफ रखें.

अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana)
अपने दाहिने पैर पीछे की ओर ले जाएं. आपका घुटना जमीन से मिलना चाहिए. अब अपने दूसरे पैर को मोड़े और हथेलियों से जमीन को छुएं. सिर को आसमान की ओर रखें.

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पादहस्तासन (Padahastasana)
इसे करने लिए आगे की ओर झुककर हाथों से पैरों की उंगलियों को छुएं. इस दौरान आपको अपना सिर घुटनों से मिलाना है.

हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana)
इस आसन को अर्धचंद्रासन भी कहा जाता है. अब प्रणामासन में खड़े होकर अपने हाथों को सिर के ऊपर उठा लें और सीधा रखें. अब हाथों को प्रणाम करने की मुद्रा में ही पीछे की ओर ले जाएं. अपनी कमर को पीछे की तरफ झुका लें.

प्रणामासन (Pranamasana)
धीरे से फिर अपने हाथों को सीने के पास लाएं और प्रणाम की मुद्रा में खड़े हों और प्रणामासन करें.

इन बातों का रखें ख्‍याल
योगाभ्यास अपनी क्षमता अनुसार ही करना है.
-इस दौरान श्वास-प्रश्वास पर ध्‍यान दें.
-व्यायाम से जुड़े विशेष नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी है.
-सूक्ष्म व्यायाम के बाद ही इसे करें.
-अभ्‍यास के साथ आप सूर्य नमस्‍कार का अभ्‍यास बढ़ाएं.

Tags: Benefits of yoga, Lifestyle, Yoga

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